Rajasthan News : ‘बचपन बचपन बचाओ आंदोलन’ ने बाल विवाह की पीडि़ता को बचाया

जयपुर। नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित कैलाश सत्‍यार्थी द्वारा स्‍थापित ‘बचपन बचाओ आंदोलन’ के कार्यकर्ताओं ने जयपुर से एक बाल विवाह की नाबालिग पीडि़ता को बचाया है।  14 साल की पीडि़ता का मेडिकल करवाने के बाद उसे सरकारी आश्रय गृह में भेजा गया है पुलिस को दिए बयान में धौलपुर जिले के एक गांव से आने वाली इस पीडि़ता ने कहा है कि वह कुछ साल से अपनी मां और उसके  ‘लिव इन पार्टनर’ के साथ रहती थी। कुछ समय बाद से ही मां का पार्टनर उसे प्रताडि़त करने लगा और बोझ बताने लगा। ऐसा काफी समय तक चला। फिर पिछले साल दिसंबर में उसने धौलपुर के ही एक दूसरे गांव के 40 साल के व्‍यक्ति को शादी के लिए तीन लाख रुपए में बेच दिया।

शादी के बाद से ही नाबालिग पीडि़ता का पति भी उसे प्रताडि़त करने लगा। पीडि़ता ने पुलिस को बताया, ‘मेरा पति मुझे घर के सारे काम करने को कहता था और बार-बार जबरन शारीरिक संबंध भी बनाता था।’ पीडि़ता ने कहा कि विरोध जताने पर बुरी तरह से पिटाई की जाती थी। नाबालिग ने कहा, ‘उसका पति सबके सामने उसकी बेइज्‍जती करता था और बच्‍चा न पैदा कर पाने को लेकर ताने मारता था।’ पीडि़ता ने कहा कि वह इस नारकीय जीवन से छुटकारा पाना चाहती थी और कई बार भागने की नाकाम कोशिश के बाद इस हफ्ते उसे कामयाबी मिली।

 

 

फिलहाल पुलिस पॉक्‍सो व आईपीसी की धारा 376 के तहत जीरो एफआईआर दर्ज कर आगे की कार्रवाई कर रही है। पुलिस का मानना है कि क्‍योंकि लड़की की खरीद-फरोख्‍त हुई और उसे एक स्‍थान से दूसरे स्‍थान ले जाया गया है। ऐसे में जांच के बाद धाराएं बढ़ सकती हैं।

अपने पति के घर से भागने के बाद पीडि़ता किसी तरह जयपुर आई। यहां बचपन बचाओ आंदोलन(बीबीए) के कार्यकर्ताओं को खबर मिली कि एक लड़की जवाहर सर्किल पर बदहवास हालत में है। इसके बाद कार्यकर्ताओं ने उसकी मदद की और एफआईआर लिखवाने के लिए जवाहर नगर पुलिस स्‍टेशन ले आए।

बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई पर चिंता जताते हुए बीबीए निदेशक मनीष शर्मा ने कहा, ‘यह घटना बताती है कि बाल विवाह की स्थिति कितनी गंभीर है और पीडि़ता को जिंदगी की शुरुआत में ही कितनी तकलीफें सहनी पड़ती हैं। यह उचित समय है जब बाल विवाह को बच्‍चों के प्रति होने वाला सबसे बड़े अपराध की तरह देखा जाना चाहिए न कि सामाजिक परंपरा के रूप में।’

 

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