राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने उठाया कोरोना में अनाथ हुए बच्चों का दायित्व

नोएडा : कोरोना महामारी के कारण प्रभावित हुए लोगों की चिकित्सीय सहायता और निर्धन परिवारों को राशन व अन्य मदद पहुँचाने के क्रम में अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ऐसे बच्चों का जीवन संवारने के लिए आगे आया है जिनके माता-पिता का कोरोना से देहान्त हो गया है. साथ ही संघ ऐसे बच्चों की भी पढ़ायेगा जिनके अविभावकों के रोजगार पर संकट आ गया है.

पश्चिमी उत्तर प्रदेश क्षेत्र के क्षेत्र सेवा प्रमुख श्री धनीराम जी ने सरस्वती शिशु मन्दिर में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए विस्तार से बताया कि विभिन्न माध्यमों की सहायता से स्वयंसेवक ऐसे बच्चों की जानकारी लेंगे जिन्होंने अपने माता-पिता को कोरोना में खो दिया।

धनीराम जी ने कहा, “हम उन सभी बच्चों की शिक्षा से लेकर जीवन यापन का प्रबन्ध करेंगे जिनके माता-पिता कोरोना महामारी में नहीं रहे। संघ पहले भी महामारी या आपदा के कारण अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा से लेकर आवासीय सुविधा और जीवन-यापन में लगा हुआ है. उत्तरकाशी में आये भूकम्प के बाद अनाथ हुए बच्चों के लिए वहां एक आवासीय विद्यालय खोला गया जो आज भी चल रहा है. इसी प्रकार गुजरात में 2001 में आये भीषण भूकम्प के बाद वहां आवासीय विद्यालय खोले गए. साथ ही संघ ने दैवीय आपदा से आहत हुए परिवारों का जीवन पटरी पर लाने के लिए आजीविका के साधन जुटाए.”

पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र के विद्या भारती के क्षेत्रीय अध्यक्ष मनबीर जी ने बताया की कोरोना महामारी में अनाथ हुए बच्चों की शिक्षा में कोई अड़चन न आये इसके लिए पूरी योजना तैयार ली गई है. उन्होंने बताया की पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तराखण्ड में चल रहे सरस्वती शिशु मन्दिर और सरस्वती विद्या मन्दिर में इन बच्चों को प्रवेश दिलाया जायेगा और 12 तक इनकी शिक्षा और आवासीय सुविधा का प्रबन्ध विद्या भारती करेगी.

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