नई दिल्ली। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में शनिवार को नवोदित लेखक विकास अरूण पारीक द्वारा लिखित उपन्यास ‘लेटर्स टू माई मदर’ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित नोएडा फिल्म सिटी के संस्थापक संदीप मारवाह और मेमोरी किंग” कृष्ण चहल की मौजूदगी में पुस्तक के कथानक को लेकर एक पैनल चर्चा भी हुआ, जिसमें दर्शकों ने अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए अनेक विचारोत्तेजक प्रश्न भी पूछे। विश्वकर्मा पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशितअपनी पहली पुस्तक की सफलता की पहली वर्षगांठ भी मनाया। इस उपन्यास ने अपने पहले वर्ष में 5,000 से अधिक प्रतियों की बिक्री के साथ व्यापक सराहना प्राप्त की है। इस अवसर पर पारीक की पूर्व प्रकाशित कृति वॉयसेस ऑफ द साइलेंट क्रीक का पुनःविमोचन भी किया गया, जो सामाजिक मुद्दों पर आधारित एक सशक्त कथा है, जिसे किताब लवर्स ने प्रकाशित किया था।
इस समारोह का एक मुख्य आकर्षण पैनल चर्चा थी, जिसमें प्रकाशन उद्योग की प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया। द बुक बेकर्स के सीईओ सुहैल माथुर, विश्वकर्मा के सीईओ विशाल सोनी और किताबलवर्स के पार्टनर और सह-संस्थापक आर.के. शंकर ने प्रकाशन की बदलती दुनिया पर अपने विचार साझा किए। उनकी बहुमूल्य सलाह ने नवोदित लेखकों के लिए साहित्यिक दुनिया में अपने रास्ते को समझने के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाई। इसके बाद दर्शकों को विकास अरुण पारीक के साथ एक आकर्षक साक्षात्कार का आनंद लेने का अवसर मिला, जिसका संचालन राशिमा स्वरूप वर्मा ने किया। पारीक ने लेटर्स टू माई मदर के साथ अपने एक साल के सफर पर विचार साझा किए, जिसमें व्यक्तिगत अनुभव और पुस्तक की सफलता में योगदान देने वाली रणनीतियों के बारे में बताया।
माइंडफुलनेस पर एक विचारशील सत्र वानी कौशल द्वारा संचालित किया गया, जिन्होंने लेखन करियर की मांगों के बीच जमीन से जुड़े रहने के महत्व पर जोर दिया। उनके व्यावहारिक सुझावों ने उपस्थित लोगों के बीच मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया। अंतिम सत्र में भारत के “मेमोरी किंग” कृष्ण चहल ने भाग लिया। चहल ने डेवलपिंग ए ग्रोथ माइंड सेट और स्पष्ट लक्ष्यों को निर्धारित करने के महत्व पर अपने अनुभव साझा किए, जिससे दर्शकों को अपने साहित्यिक लक्ष्यों को नए उत्साह के साथ प्राप्त करने की प्रेरणा मिली। कार्यक्रम का समापन विकास अरुण पारीक के धन्यवाद संदेश के साथ हुआ, जिसमें उन्होंने दर्शकों, अपने प्रकाशकों और अपने साहित्यिक एजेंट का उनके निरंतर समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया।