सैमसंग ने सी-लैब प्रोग्राम के जरिए शुरू किया ओपन इनोवेशन कल्चर

गुरुग्राम। सैमसंग अपने सी-लैब (क्रिएटिव लैब) प्रोग्राम के जरिए भारत सहित दुनिया भर में अपने कर्मचारियों के बीच इनोवेशन की एक मजबूत संस्कृति को बढ़ावा दे रहा है। सी-लैब एक इन-हाउस आइडिया इन्क्यूबेशन प्रोग्राम है जो कर्मचारियों को कंपनी में काम करते हुए अपने किएटिव आइडिया को सार्थक उत्पाद के रूप में विकसित करने में मदद करता है।
सी-लैब का लक्ष्य सैमसंग में एक क्रिएटिव कल्चर विकसित करना है जो कर्मचारियों को स्वतंत्र रूप से इनोवेटिव आइडिया और दुयिया की समस्याओं का समाधान पेश करने के लिए प्रेरित करता है।जिन कर्मचारियों के आइडिया सी-लैब प्रोग्राम के जरिए चुने जाते हैं, वे सामान्य काम के माहौल से अलग, एक साल के लिए सैमसंग के भीतर ही एक अलग स्टार्टअप के रूप में काम करते हैं। सी-लैब के सदस्यों को अपने काम के घंटे और दिन खुद तय करने की छूट मिलती है। वे अपने स्वयं के नियम भी निर्धारित कर सकते हैं और अपने इस स्टार्टअप में अतिरिक्त सदस्यों को नियुक्त भी कर सकते हैं।
हर साल दो बार, कर्मचारी अपने आइडिया को एक इंटर्नल सिस्टम के माध्यम से पेश कर सकते हैं। इस आइडिया पर ऑनलाइन वोटिंग की जाती है, साथ ही विशेषज्ञ इस आइडिया को रिव्यू करते हैं। अंतिम आइडिया 100 कर्मचारियों, एक इवेल्युएशन ग्रुप और सैमसंग के 10 अधिकारियों के सामने पेश किया जाता है।
सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के क्रिएटिविटी एंड इनोवेशन सेंटर के मार्क सोहन ने कहा, “सी-लैब को लेकर हमारी सोच इनोवेटिव आइडिया का पता लगाने और इसे कार्यान्वित कर कंपनी के भीतर क्रिएटिव कल्चर को बढ़ाने की है। हम हाइब्रिड इनोवेशन की दिशा में प्रयास कर रहे हैं, जो एक विशाल कंपनी से जुड़ी सभी जानकारियों और एक स्मॉल वेंचर कंपनी की चुनौतियों को एक साथ लाती है, जिससे इसे सैमसंग में हर जगह फैलाया जा सके।”
चयनित टीमें अपने आइडिया के प्रोटोटाइप पर काम करती हैं और सैमसंग के साथ स्टार्टअप के रूप में काम करते हुए उनकी मार्केट टेस्टिंग करती हैं। इन टीमों को अपनी प्रगति को प्रदर्शित करने और रिस्पॉन्स प्राप्त करने के कई अवसर मिलते हैं। टीमों के लिए एक अवसर हर साल नवंबर में आयोजित होने वाला सी-लैब फेयर भी है। इसके अलावा अन्य अवसरों की बात करें तो CES, MWC और साउथ बाय साउथवेस्ट जैसी वैश्विक प्रदर्शनियों में प्रोटोटाइप प्रदर्शित कर टीमों को बाहरी ग्राहकों से रिस्पॉन्स प्राप्त करने का मौका मिलता है।
2015 में शुरुआत से, सैमसंग ने सी-लैब प्रोजेक्ट के लिए स्पिन-ऑफ प्रोग्राम की शुरुआत की है। वे प्रोजेक्ट जो सैमसंग के बिजनेस से गहराई से जुड़े नहीं थे और जिन्हें इन-हाउस डिवीजन में ट्रांसफर नहीं किया गया था, उन्हें बंद कर दिया गया था।
सी-लैब कार्यक्रम की सफलता का उदाहरण पंकज अग्रवाल द्वारा स्थापित एक कंपनी है। पंकज 2004 में दक्षिण कोरिया में सैमसंग से जुड़े थे। आज, उनका स्टार्टअप टैगहाइव, एक सी-लैब स्पिन-ऑफ है और AI-पावर्ड स्मार्ट स्कूल सॉल्यूशन प्रदान करता है। टैगहाइव बेहतर फीडबैक के लिए छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को कनेक्ट करता है। टैगहाइव का ‘क्लास साथी’, एक क्लिकर-बेस्ड क्लासरूम रिस्पांस सिस्टम है। यह भारत के सरकारी स्कूलों में छात्रों की पढ़ाई छोड़ने की दर को कम करने में मदद करता है। टैगहाइव वर्तमान में क्लास साथी को स्थापित करने के लिए उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और ओडिशा की राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है।
सी-लैब शुरू होने के बाद से पिछले 10 वर्षों में, 1,507 से अधिक कर्मचारियों ने वैश्विक स्तर पर 365 सी-लैब प्रोजेक्ट्स में भाग लिया है। पिछले कुछ वर्षों में सी-लैब के कई ऐसे इनोवेशन सामने आए हैं जो अब सैमसंग का हिस्सा हैं – जैसे गैलेक्सी अपसाइक्लिंग, इको-पैकेजिंग, लाइफस्टाइल टीवी ‘द सेरो’, और मोबाइल कैमरों एवं सैमसंग पे के लिए नए फीचर्स। प्रोग्राम ने 59 स्टार्टअप खड़े करने में मदद की है।

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