राजस्थान सरकार के साथ 10 गीगावाट की नवीकरणीय परियोजना के विकास के लिए एसजेवीएन ने एमओयू किया

शिमला। नन्‍द लाल शर्मा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने बताया कि एसजेवीएन ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में राजस्थान सरकार के साथ राज्य में 10 गीगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं/पार्कों के विकास के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस 10000 मेगावाट की परियोजना के आने से एसजेवीएन का पोर्टफोलियो अब 42000 मेगावाट हो गया है।

एमओयू पर हस्‍ताक्षर श्री नन्‍द लाल शर्मा, अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन और श्री भास्कर सावंत, प्रमुख सचिव ऊर्जा, राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान के मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की गरिमामयी उपस्थिति में किए गए। इस अवसर पर श्रीमती शकुंतला रावत उद्योग मंत्री, राजस्थान सरकार, श्रीमती गीता कपूर, निदेशक (कार्मिक), श्री अखिलेश्वर सिंह, निदेशक (वित्त), श्री एस एल शर्मा, सीईओ एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड सहित राजस्थान सरकार और एसजेवीएन के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

श्री नन्‍द लाल शर्मा ने अवगत कराया कि एसजेवीएन राज्य में राजस्थान नवीकरणीय ऊर्जा निगम लिमिटेड द्वारा आबंटित किए जाने वाले भूमि खंडों पर 10,000 मेगावाट की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना करेगा। इन परियोजनाओं के विकास में आगामी पांच से सात वर्षों में 50,000 करोड़ रुपए के निवेश का अनुमान है। इन नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं/पार्कों के विकास से राज्य में सामाजिक-आर्थिक विकास होगा और कई प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर भी प्राप्‍त होंगे।

श्री नन्‍द लाल शर्मा ने अवगत करवाया कि ‘इस बड़े पोर्टफोलियो विस्‍तार के साथ, हम कार्बन उत्सर्जन मुक्त और लागत प्रभावी ऊर्जा की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने तथा राष्ट्र के सतत विकास को मजबूत करने के लिए योगदान दे रहे हैं। इन परियोजनाओं/पार्कों से न केवल जीवाश्म ईंधन पर देश की निर्भरता कम होगी बल्कि जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने में भी सहायता मिलेगी जो सभी के लिए चिंता का विषय बन गए है।”

प्रधान मंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में भारत सरकार गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ग्रीन ऊर्जा उत्पादन पर ध्यान केंद्रित कर रही है और एसजेवीएन ने इस प्रतिबद्धता के साथ अपने बिजनेस मॉडल को पुनर्गठित किया है। आरई पोर्टफोलियो में इस महत्‍वपूर्ण वृद्धि ने एसजेवीएन को वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 25000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50000 मेगावाट के साझा विजन को प्राप्त करने के करीब पहुंचा दिया है।

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