नई दिल्ली। अभी छठ पर्व को लेकर भले ही नेताओं की लोगों के बीच आवाजाही पहले से अधिक हो गई हो, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव में नेताओं को सबक सिखाने के लिए जनता ने मन बना लिया है। बुराड़ी से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक संजीव झा अपने ही क्षेत्र में बढ़ती नाराज़गी का सामना कर रहे हैं। एक समय उनके करीबी माने जाने वाले कार्यकर्ताओं और समर्थकों का आरोप है कि संजीव झा ने विधायक बनने के बाद उनके साथ संपर्क कम कर दिया और क्षेत्र के मुद्दों पर भी उतना ध्यान नहीं दिया जितनी उम्मीद थी। बुराड़ी की जनता भी आपसी बातचीत में वर्तमान विधायक संजीव झा से नाराज दिख रही है। अधिकतर लोगों की यही शिकायत है कि विधायक मिलते नहीं हैं। उनके आसपास के लोग क्षेत्रीय लोगों से दूर करते जा रहे हैं।
आगामी विधानसभा चुनाव में संजीव झा को उनके पुराने साथियों से चुनौती मिलने की संभावना है। कई कार्यकर्ता अब दूसरे दलों में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं और कुछ ने निर्दलीय उम्मीदवार को समर्थन देने का भी संकेत दिया है। उनका कहना है कि इस बार वे जनता की आवाज़ उठाने और सही नेता को चुनने के लिए संजीव झा को सबक सिखाने का मन बना चुके हैं।
बुराड़ी की जनता इस बात को अच्छी तरह से जानती है कि जिन लोगों को संजीव झा का बेहद खास माना जाता था, एक एक करके लोग इनसे दूर होते जा रहे हैं। इस कड़ी में बलराम झा, अनिल झा, नीरज पाठक, रतन त्यागी जैसे लोगों का नाम हरेक की जुबान पर है। लेगों का तो यह भी कहना है कि जब विधायक अपने खास लोगों का नहीं हुआ, तो आम लोगों से इनका क्या लगाव रहेगा।
साथियों का कहना है कि संजीव झा ने अपने पहले कार्यकाल में जनता के बीच अच्छा प्रभाव छोड़ा था, लेकिन समय के साथ उनके व्यवहार और कार्यशैली में बदलाव आ गया। लोगों का मानना है कि विधायक ने क्षेत्रीय समस्याओं और विकास कार्यों को नज़रअंदाज़ किया है, जिससे उनके पुराने समर्थकों में नाराज़गी बढ़ती गई।