वर्ल्ड नो तंबाकू दिवस पर विशेष
नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। डब्लूएचओ के अनुसार भारत में 12 करोड़ स्मोकर्स हैं और 10 लाख से अधिक लोग हर साल धूम्रपान की वजह से जान गवंा देते हैं। हैरत की बात है कि 6 मिलियन भारतीय सीधा तंबाकू का सेवन करते हैं। वहीं दूसरी ओर 890000 भारतीय चेन स्मोकिंग का शिकार होते हैं। हालांकि दिल्ली में 10.5 प्रतिशत युवा, 16.7 प्रतिशत पुरूष व 2.8 प्रतिशत महिलाएं गुटखे, खैनी और जर्दे का सेवन करते हैं। यह आंकड़ा ग्लोबल एडल्ट टोबेको सर्वे यजीएटीएसद्ध के अनुसार है। गौरतलब है कि महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, बिहार, राजस्थान, आदि राज्यों में इसकी बिक्री पर पहले से ही पाबंदी लगी हुई है। हर साल तंबाकू खाने से लगभग 6 मिलियन लोग इसके सेवन से जिंदगी गवां देते हैं। शोध के अनुसार यदि यही तो यह आंकडा 2020 तक 10 मिलियन को भी पार कर लेगा।
एक शोध के अनुसार यदि महिला पैसिव स्मोकिंग करती है या ऐसे माहौल में रहती है तो उसे गर्भधारण में देरी होती है। शांता फर्टिलिटी सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ अनुभा सिंह कहती हैं कि “यह न केवल अंडाशय को प्रभावित करता है, बल्कि महिलाओं में एंडोमेट्रियल अस्तर को भी प्रभावित करता है जिससे प्रजनन क्षमता में कमी आती है। धुएं में कई तरह के जहरीले रसायन होते हैं, जो धूम्रपान करने वाले को मिलते हैं जिससे कई तरह से प्रजनन संबंधी समस्याएं सामने आती हैं।”