दिल्ली में 69 नव निर्वाचित विधायकों ने विधानसभा सदस्य के तौर पर शपथ ली

नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा के सोमवार को शुरु हुए तीन दिवसीय सत्र के पहले दिन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 69 नवनिर्वाचित विधायकों ने सदन के सदस्य के तौर पर शपथ ली। जनकपुरी से विधायक राजेश ऋषि सोमवार को शपथ ग्रहण नहीं कर सके क्योंकि वह शहर में नहीं थे और वह मंगलवार को शपथ ग्रहण करेंगे।

हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में जीत के बाद आम आदमी पार्टी ने तीसरी बार दिल्ली में सरकार बनाई है और चुनाव के बाद यह पहला सत्र है। शपथ ग्रहण समारोह की शुरुआत में सबसे पहले केजरीवाल ने शपथ ग्रहण की जिसके बाद सिसोदिया, पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत और अन्य विधायकों ने शपथ ली। सातवीं दिल्ली विधानसभा के पहले दिन 61 सदस्यों ने हिंदी, तीन सदस्यों ने उर्दू, दो सदस्यों ने मैथिली और एक-एक सदस्य ने अंग्रेजी और पंजाबी में शपथ ग्रहण की।

ग्रेटर कैलाश से आप के विधायक सौरभ भारद्वाज और आप विधायक नरेश बाल्यान ने ‘बजरंग बली हनुमान’ के नाम पर शपथ ली और कई विधायकों ने मेज थपथपाते हुए ‘जय हनुमान’ का नारा लगाया। भारद्वाज ने कहा कि जब वह ‘बजरंग बली हनुमान’ के नाम पर शपथ ग्रहण कर रहे थे, तब भाजपा विधायक अनिल कुमार बाजपेई ने आपत्ति जताई। परंपरागत परिधान पहनकर आए विधायकों संजीव झा और रितु राज गोविंद ने मैथिली भाषा में शपथ ली।

अस्थाई विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त किये गये मटिया महल के विधायक शोएब इकबाल ने शपथ ग्रहण की कार्यवाही का संचालन किया। बाद में, शाहदरा से विधायक राम निवास गोयल को लगातार दूसरी बार विधानसभा का सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया। तिलक नगर से विधायक जरनैल सिंह ने पंजाबी में शपथ ग्रहण की। आप के विधायक राजेश गुप्ता ने अपने माता-पिता के नाम पर शपथ ग्रहण की। विधायक रोहित मेहरोलिया ने महर्षि वाल्मीकि ने नाम पर शपथ ली। पहली बार विधायक चुने गए राघव चड्ढा, आतिशी मार्लेना और दिलीप पांडे ने भी विधानसभा सदस्य के तौर पर शपथ ग्रहण की।

इससे पहले सोमवार सुबह विधानसभा में विपक्ष के नेता चुने गये बदरपुर से भाजपा विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी शपथ ग्रहण करने के बाद इकबाल से गले मिले। बिधूड़ी और इकबाल सबसे पहले दिल्ली विधानसभा में 1993 में चुनकर आये थे। आम आदमी पार्टी ने 70 सदस्यीय विधानसभा में 62 सीटें जीती थीं। इस चुनाव में भाजपा ने आठ सीटें जीती थी जबकि कांग्रेस खाता नहीं खोल पाई।

 

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