अरविंद केजरीवाल की तीसरी शपथ

नई दिल्ली। आज दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में अरविंद केजरीवाल तीसरी बाल शपथ  ग्रहण करने जा रहे हैं । क्रिकेट स्टाइल में कहें तो हेट्रिक । वैसी ही हेट्रिक जैसी कभी शीला दीक्षित ने बनाई थी । तीन तीन बार मुख्यमंत्री बन कर । उन्हीं शीला दीक्षित को पहली बार हरा कर अरविंद ने मुख्यमंत्री बनने की ओर कदम रखा था लेकिन आठ कांग्रेसी विधायकों का साथ लेकर भी सिर्फ उनचास दिन ही सरकार चला पाए और फिर जनता के बीच पूरा समर्थन मांगने चुनाव में निकल पड़े ।

यह केजरीवाल का आत्मविश्वास था या दिल्ली की जनता का प्रेम कि 70 में से 67 सीट केजरीवाल की झोली में डाल दीं तो तीन तीन बार राज करने वाली कांग्रेस की झोली खाली रह गयी । अब तीसरी बार के चुनाव में भाजपा ने कोई कसर नहीं छोड़ी अपना वनवास खत्म करने के लिए लेकिन जनता ने भाजपा के नेताओं के झांसे में आने से मना कर दिया और बिना किसी संकोच के पहले की तरह प्रचंड बहुमत दिया केजरीवाल को । सिर्फ पांच सीट कम हुईं और भाजपा तीन से आठ पर आ गयी जबकि कांग्रेस की किस्मत नहीं बदली । वही जीरो की जीरो ।आखिर भाजपा और कांग्रेस पांच साल क्या करती रहीं ? जिस अमानतुल्लाह पल कैसे कैसे आरोप लगवाये , वही फिर विधायक बना सबसे ज्यादा वोटों के अंतर से । शाहीन बाग ने दिल्ली को शाह हीन बना दिया । अब अमित शाह कह रहे हैं कि हमें गोली मारो जैसे बयानों से बचना चाहिए था । हमें अपनी रणनीति सही बनानी चाहिए थी । जहां मनोज तिवारी, सपना चौधरी , सन्नी द्योल के रोड शो से भी कोई असर नहीं पड़ा तो समझ लो यह दिल्ली की जनता है । यह हिंदुस्तान का दिल है और केजरीवाल ने इसका दिल जीत लिया । बस । इतना ही । आपके मंत्रियों और सांसदों की फौज को नकार दिया । क्यों ?मंथन करो । शपथ लीजिए कि अब ऐसा जहरीला चुनाव अभियान नहीं चलाओगे।

 कमलेश भारतीय, वरिष्ठ पत्रकार 

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