समारोह पूर्वक मना मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान का स्थापना दिवस

दरभंगा।  मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान का छठा स्थापना दिवस बुधवार को समारोह पूर्वक मनाया गया। बहादुरपुर प्रखंड कार्यालय स्थित सेंट्रल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के परिसर में आयोजित कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ मिथिला-मैथिली आंदोलन के शीर्षस्थ स्तंभ डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू, वरिष्ठ कवि सह भारत निर्वाचन आयोग के दरभंगा जिला आइकॉन मणिकांत झा एवं प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ योगानंद झा के कर-कमलों से कवि कोकिल विद्यापति के चित्र पर माल्यार्पण उपरांत दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने कहा कि वर्तमान समय में मिथिला, मैथिली और मिथिलाक्षर के सूरत-ए-हाल हमें आत्मावलोकन करने की जरूरत है । उन्होंने कहा कि यदि हम अपनी मातृ लिपि मिथिलाक्षर का प्रयोग दैनिक कार्यों में नहीं करेंगे तो वह पुनः मृत प्राय हो जाएगी। उन्होंने मृत प्राय हो चुकी मिथिला की धरोहर लिपि मिथिलाक्षर को पुनर्जीवित करने में मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान की भूमिका की सराहना करते हुए मिथिला के व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को इसे अपनाते हुए इसके प्रचार-प्रसार के लिए आगे आने का आह्वान किया।

मणिकांत झा ने कहा कि मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के संस्थापक पं अजय नाथ झा शास्त्री ने मृत प्राय हो चुके मिथिलाक्षर लिपि को सोशल मीडिया के माध्यम से पुनर्जीवित करने का अभियान चलाकर ऐसा नेक कार्य किया है, जिसके लिए मिथिला के इतिहास में उनका नाम स्वर्णाक्षर में लिखा जाएगा। मौके पर उन्होंने अपनी चर्चित रचना ‘सम्मानक भूखल नहि रहलौं,  पुरस्कार केर मन नहि आस…’ भी गाकर सुनाया। मिथिलाक्षर साक्षरता अभियान के संस्थापक सदस्य एवं साहित्य अकादमी से सम्मानित वरिष्ठ साहित्यकार डाॅ योगानंद झा ने अभियान के गतिविधियों की विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि मिथिलाक्षर की शत-प्रतिशत साक्षरता के प्रति इस अभियान से जुड़े अभियानी पूर्णता कृतसंकल्प हैं, लेकिन मिथिलाक्षर को चलन में लाना संपूर्ण मिथिलावासी की जिम्मेवारी है।

अभियान के वरीय संरक्षक प्रवीण कुमार झा के संचालन में आयोजित कार्यक्रम में अतिथियों का स्वागत आचार्य बंशीधर झा ने किया। जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ हरे कृष्ण झा ने किया। इससे पूर्व आकाशवाणी दरभंगा के वरिष्ठ कलाकार दीपक कुमार झा ने गोसाउनि गीत ‘जय जय भैरवी… एवं स्वागत गीत प्रस्तुत कर वातावरण को संगीतमय बनाने में कामयाबी हासिल की। मौके पर अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कुल 37 लोगों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए। जबकि सर्वसम्मति से मिथिलाक्षर के प्रचार-प्रसार के लिए स्थानीय व्यवसायिक एवं शैक्षणिक प्रतिष्ठानों को आगे आने के लिए जागरूकता कार्यक्रम चलाने का निर्णय लिया गया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में श्रवण कुमार एवं सत्यनारायण यादव की उल्लेखनीय भूमिका रही।

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