देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को यहां के निकट डोईवाला में 50 करोड़ रुपये की लागत से बनी सूर्याधार झील का लोकार्पण किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इससे न केवल इसके आसपास स्थित करीब 20 गांवों की पेयजल और सिंचाई जरूरतें पूरी होंगी बल्कि आने वाले दिनों में यह एक बड़े पर्यटन और जलक्रीड़ा स्थल के रूप में भी उभरेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘18—20 गांवों की पेयजल और सिंचाई जरूरतों को पूरा करने के अलावा यह झील क्षेत्र में पानी के स्रोतों को भी रिचार्ज करेगी और एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र (इको सिस्टम) बनाएगी जो प्रवासी पक्षियों को भी आकर्षित करेगा।’’ रावत ने कहा कि क्षेत्र के किसान 12 महीने झील से पानी लेकर अपने खेतों में सिंचाई कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरिद्वार, ऋषिकेश और देहरादून के बीच स्थित सूर्याधार प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर है और इसलिए आने वाले दिनों में यह एक बड़े पर्यटन और जलक्रीड़ा केंद्र के रूप में उभरेगा। उन्होंने अगले साल मकर संक्रांति या बसंत पंचमी पर झील में जलक्रीड़ा महोत्सव आयोजित करने की राज्य सरकार की योजना के बारे में भी बताया। रावत ने कहा कि उनके विकास एजेंडे में अगले स्थान पर सौंग और जामरानी बांधों को बनाना है। उन्होंने कहा कि इनके बनने से वर्तमान में बिजली को खरीदने पर होने वाले 100 करोड़ रुपये के खर्च की बचत होगी। उन्होंने रिस्पना और बिंदाल जैसी नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा उठाए गए कदमों के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि देहरादून में विधानसभा के पास बहने वाली रिस्पना नदी में नहाना उनका एक प्यारा सपना है।
लगभग 50.25 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस झील की धारण क्षमता 77 हजार घन मीटर है। यह झील 550 मीटर लम्बी, 28 मीटर चौड़ी और 10 मीटर गहरी है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री रावत ने झील में नौकायन भी किया।