लेफ्टिनेंट कर्नल सत्येंद्र वर्मा ने 19,400 फुट ऊंचाई से विंगसूट उड़ान पूरी की

नई दिल्ली। माउंटेन ड्यू अपने ‘रिस्क टेकर्स आॅफ इंडिया प्लेटफाॅर्म’ के माध्यम से भारतीय नायकों के वास्तविक जीवन की कहानियों का जष्न मना रहा है। उल्लेखनीय है कि एक ब्रांड के तौर पर माउंटेन ड्यू ने हमेषा साधारण चीजों से ऊपर उठने, चुनौतियों का सामना करने तथा विजेता बनकर उभरने को प्र्रेरित किया है। और अब यही ब्रांड देश की उन साहसिक शख़्सियतों का सम्मान करने के लिए तैयार है, जो जोखिम उठाने की भावना की प्रतीक हैं और जिन्होंने लीक से हटकर अपनी अलग राह बनाई है।
ऐसे ही एक नायक जो डर से ऊपर उठ चुके हैं, वे हैं लेफ्टिनेंट कर्नल सत्येंद्र वर्मा (सेवानिवृत्त), माउंटेन ड्यू रिस्क टेकर – भारत के पहले बीएएसई जम्पर तथा देश के सबसे अनुभवी विंगसूट पायलटों में से एक। सहज स्थिति से बाहर निकलकर अपनी अलग छाप छोड़ने की आंतरिक उत्कंठा से लबरेज लेफ्टिनेंट कर्नल वर्मा को चरम साहसिक खेल पसंद हैं, जिसने उन्हें देश के उन गिने-चुने लोगों में से एक बनाया है, जो विंगसूट फ्लाइंग से जुड़े हैं। इसमें व्यक्ति विंगसूट में हवा का उपयोग कर ग्लाइड्स करता है, जो मानव शरीर को सतह से जोड़ता है, जिससे उसे लिफ्ट करने में मदद मिलती है।
विशिष्टता प्राप्त करने के लिए सीमाओं को बढ़ाने के ब्रांड के सिद्धांत को चित्रित करते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल वर्मा ने 19,400 फुट ऊंचाई से एक हाॅट एयर बैलून से छलांग लगाई, सुरक्षित ढंग से उतरने के लिए पैराशूट का इस्तेमाल करने से पहले 10 किमी की दूरी तय करते हुए अपने विंगसूट का इस्तेमाल कर 4 मिनट से अधिक समय तक उड़ान भरी। वह एक आॅक्सीजन सिसटम के साथ इतनी ऊंचाई से विंगसूट फ्लाइंग करने वाले पहले भारतीय हैं।
इस कोशिश में पेश आने वाली चुनौतियों में भारत में 20,000 फुट से छलांग लगाने के लिए एक प्लेटफाॅर्म का प्रबंधन करना जहां स्काईडाइविंग और स्काईडाइविंग एयरक्राफ्ट सामान्य नहीं है, इसके साथ ही तकनीकी समर्थन और छलांग में मदद करने के लिए ऊंचाई पर जीवित बचे रहने के उपकरण शामिल है (12,000 फुट से अधिक ऊंचाई पर छलांग लगाने के लिए आॅक्सीजन जरूरी होता है)। अपनी उपलब्धि के बारे में विस्तार से बताते हुए माउंटेन ड्यू, पेप्सिको इंडिया के एसोसिएट डायरेक्टर नसीब पुरी ने कहा कि माउंटेन ड्यू ने हमेशा से युवाओं को साधारण चीजों से आगे निकलने और अपनी मर्जी के मुताबिक कुछ भी करने का साहस दिखाने की खातिर प्रोत्साहित किया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘रिस्क टेकर्स आॅफ इंडिया’ ऐसे लोगों को सम्मानित करने का तरीका है, जिन्होंने अपना नाम करने के लिए असाधारण जोखिम उठाया है। हम देश को प्रेरित करने की एक कोशिश में इन कहानियों को सामने लाना चाहते हैं। इस प्रयास के तहत्, हमें उनके साथ असाधारण पहल के लिए लेेफ्टिनेंट कर्नल सत्येंद्र वर्मा के साथ साझेदारी करने को लेकर गर्व है। वे माउंटेन ड्यू की भावना को सही मायने में प्रतिध्वनित करते हैं और हमें यकीन है कि उनका यह षानदार सफर आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगा।’’
लेफ्टिनेंट कर्नल सत्येंद्र वर्मा ने कहा कि एडवेंचर स्पोट्र्स जैसे बीएएसई जंपिंग और विंग सूट फ्लाइंग जैसे साहसिक खेल भारत में धीरे-धीरे प्रमुखता प्राप्त कर रहे हैं। नीतियों, विमानों और सरकारी विभागों द्वारा पहचान के लिहाज से आधारभूत ढांचे की जरूरत की कमी के कारण बेहतरीन प्रतिभा और रोमांचकारी भावना इस देष से दूर है। इसलिए 20,000 फुट से छलांग लगाने के लिए एक प्लेटफाॅर्म का प्रबंधन, अनुमति और प्रशिक्षण अपने आप में एक अभियान था। मैं माउंटेन ड्यू को इसमें साझेदारी करने और मेरे इस सफर में मदद करने के लिए शुक्रिया अदा करता हूं। मेरे लिए यह ब्रांड हमेशा से ही साधारण से अलग हटकर जोखिम लेने का पर्याय रहा है। यह रिकाॅर्ड ऐसे कई प्रयासों की शुरूआत भर है और माउंटेन ड्यू ने मुझे इसे तोड़ने में मदद की है। मैं आने वाले महीनों सभी विंगसूट रिकाॅर्ड (सटीक दूरी, सबसे लंबा समय, सबसे तेज गति)में सुधार करने की कोशिश करुंगा लेकिन यह छलांग मेरे लिए बहुत खास थी। मुझे उम्मीद है कि हमारे संयुक्त प्रयासों से देश के युवाओं को सामान्य से परे देखने और डर का सामना करने के रोमांच को गले लगाने में मदद मिलेगी।

 

 

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