परिवर्तन रैली के अलग अलग मायने

नई दिल्ली / टीम डिजिटल। रोहतक में दो दिन पूर्व हुई परिवर्तन रैली के सभी अलग अलग मायने निकाल भी रहे हैं और बता भी रहे हैं । मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का मानना है कि धारा 370 हटाने का स्वागत् कर श्री हुड्डा बहती गंगा में हाथ धोना चाहते हैं । वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु का मानना है कि हुड्डा ने यह रैली कर आत्मघाती कदम उठाया है । कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर का कहना है कि यह रैली कर और कमेटी बना कर हुड्डा ने अनुशासनहीनता की है । पार्टी लाइन से हटकर खुद ही घोषणाएं कर दी हैं । यह कमेटी अमान्य है और घोषणाएं भी ।

इस तरह एक ही रैली की अलग अलग व्याख्याएं प्रस्तुत की जा रही हैं । क्या ज्योयिरादित्य सिंधिया ने धारा 370 का स्वागत् नहीं किया तो क्या अशोक तंवर जी वे भी अनुशासनहीन हैं आपकी नजरों में ? अपने कार्यकर्त्ताओं का मनोबल बढाना क्या आत्मघाती कदम होता है कैप्टन साहब ? सभी अपने अपने  कार्यकर्त्ताओं को पार्टी की मजबूती के लिए उपयोग करते हैं । एक बात तो स्पष्ट है कि जितना कार्यकर्त्ता पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा के साथ है उतना अन्य कांग्रेसी नेता के साथ नहीं । फिर चाहे वह जनक्रांति रथयात्रा हो या फिर परिवर्तन रैली   सबमें अच्छा प्रदर्शन हुआ है ।

रही बात घोषणाएं करने की तो यंवर महोदय दस साल सरकार चलाई हो जिसने क्या उसके पास कोई विजन नहीं ? आंखों में सपने हों और कुछ कर गुजरने का हौंसला । काम किया है तो कुछ सपने देखने और दिखाने का हक तो बनता है । आप साइकिल यात्रा निकालते रहे तो क्या हाईकमान से इजाजत लेकर ? हर कार्यक्रम के समांतर कार्यक्रम चलाया किससे आज्ञा लेकर ?


कमलेश भारतीय,
  वरिष्ठ  पत्रकार  

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