नई दिल्ली। मेरे पास तुम हो, 2019 पाकिस्तानी रोमांटिक ड्रामा सीरीज़ है, जो हुमायूँ सईद और शहजाद नसीब द्वारा उनके प्रोडक्शन बैनर सिक्स सिग्मा प्लस के तहत निर्मित है । नदीम बेग द्वारा निर्देशित और खलील-उर-रहमान क़मर द्वारा लिखित, इस शो में हुमायूँ सईद , अयेज़ा खान और अदनान सिद्दीकी ने अभिनय किया ।
1) भारतीय टेलीविजन पर ‘मेरे पास तुम हो’ रिलीज हो रहा है, आपको कैसा लग रहा है? और आपकी क्या उम्मीदें हैं?
– ‘मेरे पास तुम हो’ ऐसा शो है, जिसे पाकिस्तान में बहुत प्यार मिला है और जिसके काफी प्रशंसक हैं। मुझे बड़ी खुशी है कि ज़ी ज़िंदगी डीटीएच इस शो को और भी ज्यादा दर्शकों तक पहुँचाने के लिये बड़े पैमाने पर इसके लॉन्च के लिये तैयार है। मुझे उम्मीद है कि इस शो को पाकिस्तान की तरह भारत में भी बहुत प्यार मिलेगा।
2) अपने किरदार ‘दानिश’ से आप कितना जुड़ाव महसूस करते हैं, क्या आपको लगता है कि ज़िंदा रहने के लिये प्यार ही काफी है?
– दानिश और मैं बिल्कुल अलग-अलग शख्सियतें हैं, और अगर तुलना करें तो वह मुझसे ज्यादा सरल और भोला है, लेकिन मेरा मानना है कि जज़्बाती तौर पर वह और मैं काफी एक जैसे हैं। मैं और मेरी बीवी करीब 25 सालों से एक-दूसरे के साथ हैं, जैसा कि इस शो में मेरा किरदार दानिश है और मैं अपनी शादी का उस तरह से खात्मा नहीं चाहता, क्योंकि मुझे मेरी बीवी से प्यार है। आखिरकार इतना ही कहा जा सकता है कि जिस तरह से मेरे किरदार की कहानी खत्म होती है, उसे देखते हुए मुझे इस किरदार के साथ सहानुभूति है।
3) आप इस शो के निर्माता भी हैं, एक काल्पनिक सवाल है कि अगर यह शो भारत में बनाया जाता, तो आपके हिसाब से मुख्य किरदारों में कौन–से भारतीय कलाकार सही रहतेᣛ?
– मैं भारत में भी इस शो के रीमेक के लिये दानिश का किरदार निभाना पसंद करूंगा। बहुत सोचने के बाद मेरा मानना है कि दानिश के किरदार को सबसे अच्छी तरह मनोज वाजपेयी निभा सकते हैं और शेहवार के किरदार के लिये आकर्षक अर्जुन रामपाल सही रहेंगे।
मेरे पास तुम हो, 2019 पाकिस्तानी रोमांटिक ड्रामा सीरीज़ है
4) इस शो को मिली–जुली प्रतिक्रिया मिली है और कुछ लोगों ने तो कहानी की आलोचना भी की है, जैसे कि एक रिश्ते में औरत का अपने मर्द को धोखा देना। इसके बारे में आपका क्या कहना है? क्या आपको लगता है कि दर्शक अभी ऐसे कंटेन्ट के लिये तैयार नहीं हैं? बदलाव लाने में किससे मदद मिलेगी, इस बारे में आपका क्या सोचना है?
– महिलाओं का अपने पति को धोखा देना बहुत कम सुनने में आता है। मर्दों से धोखा करने वाली औरतों की तादाद तुलनात्मक रूप से कम है, लेकिन इसे पूरी तरह नकारा भी नहीं जा सकता। यह बात ही अपनेआप में बहुत विवादित है और इसलिये मनोरंजन के लिये इस विषय को छूआ नहीं गया है। ‘मेरे पास तुम हो’ में मेहविश के किरदार पर शेहवार की चालाकी हावी रहती है और अपने पति को धोखा देने के लिये यह उसके कारणों में से एक था, क्योंकि औरतों के पास खुद को साबित करने के मजबूत कारण हमेशा होते हैं, जिससे ऐसी स्थितियाँ बनती हैं। औरतें समाज में अपनी इज्जत के चलते धोखेबाजी को आखिरी विकल्प के तौर पर चुनती हैं। ‘मेरे पास तुम हो’ की अपार सफलता का कारण है इसकी अनूठी कहानी, जो सामान्य कहानियों से बिल्कुल अलग है।
5) आपके हिसाब से भारत के दर्शकों का पाकिस्तानी कंटेन्ट के साथ जुड़ाव कैसे बनता है?
मुझे लगता है कि किरदार की सरलता भारतीय दर्शकों को पाकिस्तानी कंटेन्ट से जोड़ती है। जैसे कि भारतीय ओटीटी सीरीज में किरदार कम नाटकीय तरीके से धीरे-धीरे खुलते हैं और हमारे ड्रामा बहुत हद तक उनके जैसे हैं। आपने देखा होगा कि ‘मेरे पास तुम हो’ में गाने बहुत कम हैं, जिससे सादगी का एहसास होता है।
6) क्या आपको लगता है कि ओटीटी ने कुछ हद तक दोनों देशों के बीच की सरहदों को धुंधला करने में मदद की है, क्योंकि भारत और पाकिस्तान, दोनों का कंटेन्ट एक–दूसरे के पास जा रहा है और देखा जा रहा है?
– पाकिस्तान में ओटीटी की संस्कृति भारत की तरह कई ओटीटी प्लेटफॉर्म्स नहीं आ पाने के चलते दुर्भाग्य से उतनी विकसित नहीं हो पाई है, इसलिये वहाँ टेलीविजन और ड्रामा ही मनोरंजन के सबसे अनुकूल माध्यम हैं। जबकि मैं नेटफ्लिक्स और अमेज़न पर भारत के कई ओटीटी शोज देखता हूँ और उनके काम की लगातार सराहना करता हूं और उन्हें पसंद करता हूँ। दूसरी ओर, यूट्यूब ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो सरहदों को धुंधला करने में मददगार है, क्योंकि भारत में प्रशंसकों ने उस पर लगातार हमारे ड्रामा देखे हैं। और ज़िंदगी ने भी अपने प्रशंसकों को सीमापार का कंटेन्ट सफलतापूर्वक दिया है, जो मुझे अच्छा लगता है।
7) दुबई के एक हालिया इवेंट में आपने कहा था कि आप भारत आना चाहते हैं। आप किन फिल्मकारों के साथ काम करना पसंद करेंगेᣛ?
– भारत में काम के लिये आने के अलावा वहाँ का दौरा करना हमेशा से मेरी चाहत में सबसे ऊपर रहा है, मुझे अपने परिवार के साथ बिताई छुट्टियों और साथी कलाकारों, जैसे कि शरद कपूर, आमिर खान, गुलज़ार, आदि से मुलाकात की याद आती है। मेरी कामना है कि सीमाएं खुलें और हम संकोच या वीज़ा की मुश्किलों के बिना एक-दूसरे के इवेंट्स में जाएं और कलाकारों के रूप में मिलकर जश्न मनाएं।
8) किसी भारतीय कलाकार या फिल्मकार का काम, जो आपने हाल ही में देखा और पसंद किया है?
– ऐसे कई नाम हैं, जो मैं बताना चाहता हूँ, लेकिन मेरे चहेते शोज/मूवीज हैं जुबिली, मिर्जापुर, सैक्रेड गैम्स, दिल्ली क्राइम, गंगूबाई, आदि। इन शोज और फिल्मों के कलाकार बेहतरीन हैं, जिन्होंने शानदार काम किया है।