रुका वेतन मिलने से खुश इमामों ने दिल्ली के उपराज्यपाल का किया जोरदार स्वागत

नई दिल्ली। दिल्ली वक्फ़ बोर्ड की मस्जिदों में नियुक्त इमामों और मोअज्जिन की तरफ से आज दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना का एंग्लो अरेबिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल अजमेरी गेट में जोरदार स्वागत किया गया। हाल ही में दिल्ली वक्फ़ बोर्ड के इमाम और मोअज्जिन के रुके हुए 18 महीने का वेतन जारी होने के बाद उपराज्यपाल का शुक्रिया अदा करने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर आइंदा इमामों के वेतन न रुके, इसके लिए उपराज्यपाल से ठोस रणनीति बनाए जाने की मांग भी की गई।

कार्यक्रम में दिल्ली वक्फ़ बोर्ड के इमाम और मोअज्जिन के अलावा बड़ी संख्या में क्षेत्र के सामाजिक कार्यकर्ता, उलेमा और बुद्धिजीवी भी मौजूद थे।

इस मौके पर उपराज्यपाल ने अपने स्वागत पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि दिल्ली में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं, इसलिए यहां पर कोई ऐसी बात नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव बाद इस समस्या के समाधान के लिए ठोस रणनीति बनाने के लिए कार्य किया जाएगा। आपकी जो मांगें है, उस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।

गौरतलब है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के इमाम और मोअज्जिन गत डेढ़ वर्षों से वेतन न मिलने से काफी परेशान थे। उनके सामने अपने बच्चों के स्कूल फीस न जमा कर पाने समेत परिवार का भरण-पोषण तक का घोर संकट आ गया था। अपनी मांगों के लिए उन्होंने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के चक्कर लगाए और प्रदर्शन भी किया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही थी।

कार्यक्रम के आयोजक हाफिज जावेद ने बताया कि पिछले 18 महीने से दिल्ली वक्फ़ बोर्ड के मस्जिदों में नियुक्त ढाई सौ के करीब इमामों और मोअज्जिन का वेतन रुका हुआ था। उपराज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद उन्हें यह वेतन जारी किया गया है। इसीलिए इमाम और मोअज्जिन उनका धन्यवाद और स्वागत करने के लिए आज यहां इकट्ठा हुए हैं। उन्होंने कहा कि उपराज्यपाल ने आश्वासन दिया है कि आगे भी इमामों का वेतन नहीं रुके, ऐसी व्यवस्था की जा रही है।

उन्होंने बताया कि वेतन नहीं मिलने की वजह से वह काफी परेशान थे और इधर-उधर भटक रहे थे मगर उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी। अब उन्हें उपराज्यपाल के प्रयासों से वेतन मिल गया है जिसकी वजह से वह काफी खुश हैं। इस कार्यक्रम में मुफ्ती मोहम्मद कासिम कासमी, मौलाना अरशद कासमी, मुफ्ती निसार, मौलाना कासिम रहीमी, मौलाना जमील, मौलाना साजिद रशीदी, मुफ्ती जावेद अनवर, मौलाना जावेद सिद्दीकी, मौलाना नसरुद्दीन आदि ने भाग लिया।

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