आई आर सी टी वी सी में रेल टिकट बुकिंग में सीनियर सिटीजन के साथ ठगी

मुंबई। वसई रोड यात्री संघ के महामंत्री अशोक भाटिया ने हाल ही में एक पत्र लिख कर रेल मंत्री पीयूष गोयल को आई आर सी टी वी सी में रेल टिकट बुकिंग में सीनियर सिटीजन के साथ होने वाली ठगी के बारे में बताया है व् उसे दूर करने का निवेदन किया है |उन्होंने श्री पीयूष गोयल को लिखा है कि रेलवे में सीनियर सिटीजन को फंसाने का एक नया पैतरा चालू है | पीयूष बाबु , आपकी रेलवे शब्द जाल का खेल खेलकर बुजुर्गो को ठग रही है |रेलवे का आई आर सी टी वी सी का जो बूकिंग पोर्टल इस समय चल रहा है वह बहुत ही कठिन हैं |नियम के अनुसार बुजुर्ग यात्रियों को रेल टिकट में रियायत दी जाती है लेकिन रेलवे अपने इस पोर्टल में शब्द जाल के जरिए क्न्फुजन कर उनको टिकट में दी जाने वाली रियायत में सेंध लगा रही है |

पोर्टल में कुछ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया है जिसे नकारने पर छुट और स्वीकारने पर बुजुर्गों के साथ लूट होती है | टिकट आरक्षण करते समय रेल्वे की ओर से वरिष्ठ नागरिकों को कुछ रियायत दी जाती है | रियायत में ६० वर्ष से अधिक आयु के पुरषों को रेल किराए में ४० प्रतिशत की छूट और ५८ वर्ष से अधिक आयु की महिलाओं को ५० प्रतिशत की छूट दी जाती है | रेल्वे ने ये रियायते वरिष्ठ नागरिकों का कल्याण करने के उधेश्य से काफी विचार विमर्श करने के बाद लम्बे अरसे से दी जा रही ही |लेकिन आई आर सी टी वी सी पोर्टल से जब यात्री ऑन लाइन टिकट बूक करते है तो बड़ी चालाकी भरे विकल्प स्क्रीन पर आते है ताकि यात्री कन्फ्यूज होकर अपनी रियायतों का त्याग कर बैठे | स्क्रीन पर दो विकल्प आते है एक अवोइल कन्सेशन और दूसरा विकल्प फॉर गो कन्सेशन का होता है | इसमें एक विकल्प में जो रियायत को छोड़ने के लिए है और दूसरा फॉर गो कन्सेशन जो रियायत को छोड़े बिना आगे बढ़ने के लिए आता है |यह शब्दजाल यात्रियों के लिए ठग साबित होता हैं | ऐसे में यात्री सोचने लगते है कि फॉर गो का मतलब रियायत के साथ आगे बढ़ना होगा और अवोइल कन्सेशन का मतलब रियायत को त्यागना होगा जबकि आई आर सी टी वी सी के पोर्टल का मतलब ऐसा है ही नहीं |

दरअसल ये विकल्प ‘ क्या आपको कन्सेशन चाहिए ? यस (हाँ ) या नो (ना ) के रूप में होने चाहिए थे | रेल्वे की यही चालाकी जानबूझकर वरिष्ठ नागरिकों को शब्दजाल में फंसा कर अपना मुनाफा बढ़ाने का है |जल्दी बाज़ी में यात्री अपनी टिकट का रिजर्वेशन खो देते है |इसका सरलीकरण होना चाहिए और जो यात्री भूल से रियायत छोड़ देते है उन्हें पुनः प्राप्ति का अधिकार होना चाहिए |

 

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