मेरी लाडो – बेटी-पिता के अनमोल रिश्तो को बयां करता एक मंच

 

इंदौर। ‘ बेटी हुई है।‘ देवी पूजने वाला हमारा भारतीय समाज इन तीन शब्दों को सुनकर ही जन्मी उस नन्ही सी जान की सांसे तय कर देता है। आपको पढ़कर हैरानी जरूर होगी, लेकिन जिसे हम सभ्य समाज का दर्जा देते हैं वो समाज हर साल 3 से 7 लाख बच्चियों को दुनिया देखने से पहले ही मार डालता है। जी हा! ये बिलकुल सच है इस देश में हर साल 3 से 7 लाख कन्या भ्रूण नष्ट कर दिये जाते हैं। जन्म के पहले साल में ही किन्हीं कारणों से मर जाती हैं या यूँ कहे कि मार दी जाती हैं। आखिर कैसे कर सकते हैं वो हत्याऐं उन बेटियों की जो सिर का ताज होती हैं।

 

 

PR24x7.com द्वारा प्रायोजित इस मीट अप कार्यक्रम के आयोजनकर्ता troopel.com  है। ये मीटअप कार्यक्रम 30 नवंबर को चन्द्रनगर एमआर 9 में स्थित भड़ास कैफे पर शाम 4 बजे से शाम 6 बजे के बीच आयोजित किया जायेगा।

वो पिता जो बेटी को अपना अभिमान मानते हैं और वो बेटी जो हर पल पिता के मान के साथ उनके चेहरे की मुस्कान बढ़ाती हैं।हमारी कम्युनिटी  मेरी लाडो, ऐसे ही पिता और बेटियों को मंच प्रदान करती है, ताकि वो अपना अनमोल रिश्ता और प्राउड मोमेंट को साझा कर सकें। हम, ऐसे पिताओ और बेटियों की प्रेरणादायी कहानी दुनिया तक पहुचायेंगे  ताकि उससे अन्यो को भी सीख मिल सके।
मेरी लाडो, मुझे गर्व है कि मै एक बेटी का पिता हूं (Proud Parents of a single daughter) की कम्युनिटी हैं। उनमें वो सभी आमंत्रित हैं, जो कि इकलौती बेटी के पिता हैं और वो इस पर नाज करते हैं।

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