नई दिल्ली। कोरोनावायरस (कोविड-19) महामारी के इस बेहद चुनौतीपूर्ण दौर में हम लगातार मुश्किलों का सामना कर रहे हैं और ऐसे में पीने के स्वच्छ पानी तक पहुंच और भी अधिक महत्वपूर्ण हो गई है। ये जानना जरूरी है कि कोविड-19 से बचाव के उपायों में सुरक्षित पेयजल भी एक महत्वपूर्ण उपाय है।
डब्ल्यूएचओ के अनुसार,, पीने का साफ पानी और सैनिटेशन यानि स्वच्छता तक पहुंच दुनिया भर में अरबों लोगों के लिए आसान नहीं है। दुनिया भर में लगभग 2.2 बिलियन लोगों के पास सुरक्षित रूप से प्रबंधित पेयजल सेवाओं तक पहुंच नहीं है, जबकि 4.2 बिलियन लोगों के पास स्वच्छता सेवाएं उपलब्ध नहीं हैं और 3 बिलियन लोग बुनियादी तौर पर हाथ धोने की सुविधा से भी वंचित हैं।
इसके अलावा बारिश के मौसम में इस संबंध में और भी सतर्क और सावधान रहना जरूरी हो जाता है। इस तथ्य के बावजूद कि मॉनसून का मौसम आ चुका है क्योंकि कम तापमान काफी लोगों को राहत प्रदान करता है, वहीं काफी लोगों के लिए ये बहुत स्वस्थ महीना नहीं है। यह बल्कि एक खतरनाक अवधि है क्योंकि मौसम के परिवर्तन से स्वास्थ्य चिंताएं बढ़ सकती हैं; नम मौसम, उच्च आर्द्रता और संक्रमण, काफी सारे लोगों के लिए हालात मुश्किल बना देते हैं। देश भर में प्रयोगशालाओं, क्लीनिकों और अस्पतालों के लिए मानसून हमेशा एक व्यस्त मौसम के रूप में दर्ज किया गया है, क्योंकि इसमें अवांछित और हानिकारक वायरस और बीमारियां आती हैं जो विभिन्न रूपों में आम आदमी को अपनी चपेट में लेने में कोई कसर नहीं छोड़ती हैं।
मॉनसून के दौरान व्यापक रूप से फैलने वाली सामान्य बीमारियां आम सर्दी, वायरल संक्रमण, इन्फ्लूएंजा, निमोनिया, मलेरिया, डेंगू, दस्त, गैस्ट्रोएंटेराइटिस, टाइफाइड और हेपेटाइटिस या पीलिया हैं। यह ज्यादातर दूषित पानी के कारण होता है और क्योंकि हमारे शरीर का 70 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना होता है, इसलिए सभी लोगों को ये जरूरी सलाह दी जाती है कि हम मॉनसून में अपने लिए सुरक्षित और स्वस्थ पेयजल की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करें।
डॉ.महेश गुप्ता, सीएमडी
केंट आरओ सिस्टम्स लिमिटेड