नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। हम थक जाते हैं, हम रूक जाते हैं, लेकिन वक्त कभी नही रूकता और अब एक बार फिर वक्त आ चुका है साल 2019 को अलविदा कहने का। सभी अपने-अपने अंदाज में नए साल के जश्न की तैयारियों में जुटे हुए हैं, लेकिन इस जश्न का असली मजा तभी आ सकेगा, जब हम इस नए वक़्त के साथ अपनी जिंदगी में भी अच्छे अध्याय जोड़ सकें।
क्यूंकि जिंदगी हर पल बदल रही है, हमें कुछ सीखा रही है, हमें जरूरत है कि साल के इन चंद दिनों में हम बीते वक्त के पन्नों को पलटें और देखें कि हमने आखिर क्या खोया, क्या पाया, क्या सीखा, क्या गंवाया, और अपने लक्ष्य की ओर कितना कदम बढ़ाया?
पीआर 24×7 ये अंतिम सप्ताह ‘बातों-बातों में,’ कार्यक्रम मना रहा है, ताकि वो भी एक नए जोश और नयी ऊर्जा के साथ नए साल में प्रवेश कर सके, और वक़्त के साथ हाथ मिला कर हर परिस्थिति का मुकाबला कर सके।
पीआर 24×7 ये अंतिम सप्ताह ‘बातों-बातों में,’ कार्यक्रम मना रहा है, ताकि वो भी एक नए जोश और नयी ऊर्जा के साथ नए साल में प्रवेश कर सके, और वक़्त के साथ हाथ मिला कर हर परिस्थिति का मुकाबला कर सके।
‘बातो-बातों में,’ ये कार्यक्रम, कंपनी के फाउंडर और चेयरमैन अतुल मलिकराम की सोच है। अतुल कहते हैं कि जिंदगी एक सफर है, इस सफर में यात्री बदलते रहेंगे, उतार-चढ़ाव आते रहेंगे, लेकिन ये सफर जारी रहेगा, इस सफर में आपको अपने तयशुदा लक्ष्य की ओर पहुंचना है, ताकि जब आपका सफर समाप्त हो तो आप संतुष्ट रहें।
अतुल ने बताया कि ‘बातों-बातों में,’ कार्यक्रम के जरियें सीनियर इम्पलाॅयिज अपने विचारों, अनुभवों को जूनियर इम्पलाॅयिज के साथ साझा कर रहे हैं एवं उनका मार्गदर्शन कर रहे हैं। कुछ बातें छोटे-बड़ो को सीखा रहे हैं और कुछ वो बड़ो से सीख रहे हैं।
अतुल ने आगे बताया कि कार्यक्रम में केवल प्रोफेशनल लाईफ ही नही बल्कि पर्सनल लाईफ से जुड़े सवालों कि गुत्थी भी सुलझायी जा रही है, ताकि एक व्यक्ति जीवन को अनुभव कर सके, अपने जीवन में संतुलन स्थापित कर सके और उजाले कि ओर बढ़ता चले।
अतुल ने आगे बताया कि कार्यक्रम में केवल प्रोफेशनल लाईफ ही नही बल्कि पर्सनल लाईफ से जुड़े सवालों कि गुत्थी भी सुलझायी जा रही है, ताकि एक व्यक्ति जीवन को अनुभव कर सके, अपने जीवन में संतुलन स्थापित कर सके और उजाले कि ओर बढ़ता चले।