दिल्ली के स्कूलों में बारहवीं तक मैथिली की पढ़ाई की तैयारी

नई दिल्ली। बिहार के बाहर दिल्ली देश का पहला ऐसा राज्य बनने वाला है जहां पर कक्षा 6 से लेकर 12वीं तक मैथिली एक ऐच्छिक विषय के तौर पर पढ़ाई जाएगी। आम आदमी पार्टी के नेता दिलीप पांडेय ने यह जानकारी मैथिल पत्रकार ग्रुप की ओर से दिल्ली के प्रेस क्लब आफॅ इंडिया में आयोजित पहले मिथिला लिटरेचर फेस्टिवल और चौथे मिथिला महोत्सव में दी। इस अवसर पर भारतीय जनसंचार संस्थान, आईआईएमसी, के डीजी केजी सुरेश ने बिहार के मोतीहारी स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय में आईआईएमसी का सेंटर खोलने के साथ ही मिथिला के अन्य जिलों में भी इसके केंद्र खोलने, मिथिला की सांस्कृतिक विरासत पर स्टडी कराने के साथ ही मैथिल पत्रकार ग्रुप के साथ मैथिली आनॅलाइन—यूटयूब चैनल शुरू करने पर कोर्स शुरू करने का भी ऐलान किया। मैथिली भोजपुरी अकादमी के उपाध्यक्ष नीरज पाठक ने मैथिल पत्रकार समूह के साथ मैथिली—मिथला पर स्टडी में सहयोगी बनने का ऐलान भी किया। मिथिला लिटरेचर फेस्टिवल का उदघाटन जहां आईआईएमसी के डीजी श्री केजी सुरेश व मैथिली भोजपुरी अकादमी के उपाध्यक्ष श्री नीरज पाठक ने किया तो वहीं शाम को आयोजित मिथिला महोत्सव—4 का उदघाटन केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री श्री अश्वनी चौबे, राजद सांसद श्री मनोज झा, कांग्रेस मीडिया सेल के प्रणब झा, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री सुधांशु त्रिवेदी, आप नेता श्री दिलीप पांडेय, मैथिली भोजपुरी अकादमी के उपाध्यक्ष श्री नीरज पाठक और भागलपुर विश्वविद्यालय के मैथिली विभाग के प्रोफेसर केशकर ठाकुर ने किया। इसमें मैलोरंग नाटय मंडली ने रंगारंग कार्यक्रम पेश किया। इस अवसर पर श्री सुरेंद्र झा की पुस्तक गाम चलू के लोकापर्ण के साथ ही विशिष्ट व्यक्तियों को उनके क्षेत्र में योगदान के लिए सम्मानित भी किया गया। इसके साथ ही मैथिल पत्रकार ग्रुप के चार साल के कार्यक्रम पर आधारित एक संकलन पत्र का भी विमोचन किया गया।

केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्वनी चौबे ने इस अवसर पर कहा कि मिथिला एक समृद्ध सांस्कृतिक धरोधर वाला राज्य है। यहां पर विकास का पहिया तेजी से घूम पाए इसके लिए प्रयास को तीव्रता दिए जाने की जरूरत है। इसके लिए उनका मंत्रालय कई काम कर रहा है। उन्होंने मिथिला में बिहार का दूसरा एम्स स्थापित करने का भरोसा देेते हुए कहा कि इसके लिए कदम उठाए जा रहे हैं। श्री सुधांशु त्रिवेदी ने मिथिला के पुराणिक महत्व और यहां के लोगों की विभिन्न क्षेत्रो में दिखाई प्रतिबद्धता से आई समृद्धि का हवाला देते हुए कहा कि देश का विकास बिहार मिथिलांचल के लोगों के बिना संभव नहीं है। राजद सांसद मनोज झा ने देश भर के मिथिलावासियों को अपनी माटी के उत्थान के लिए आगे आने का आहवान किया। वहीं, मैथिली भोजपुरी अकादमी के उपाध्यक्ष नीरज पाठक ने कहा कि अकादमी मैथिल पत्रकार ग्रुप के साथ मिलकर मिथिला पेंटिंग की कक्षाएं शुरू करने के साथ ही मैथिली स्पीकिंग कोर्स शुरू करने की भी तैयारी कर रही है। मैथिल पत्रकार ग्रुप के अध्यक्ष संतोष ठाकुर ने कहा कि मैथिल पत्रकार ग्रुप में देश—दुनिया के लगभग 300 से अधिक मैथिल पत्रकार शामिल हैं। ये पत्रकार बिहार, झारखंड और नेपाल स्थित मिथिलांचल क्षेत्र से आते हैं और अपने पत्रकारिता धर्म के साथ अपनी मातृभूमि मिथिला के विकास के लिए विभिन्न मंच, सांसद, मंत्रियों और सरकार के बीच मिथिला के विकास का मुददा उठाते हैं। इसका नतीजा है कि दरभंगा में एयरपोर्ट, उचैठ स्थान मधुबनी से लेकर महिषी स्थान सहरसा के बीच देश का सबसे लंबा पुल, स्वतंत्रता सेनानी रेलगाड़ी का विस्तार जयनगर तक रेलगाड़ी शुरू करने में मैथिल पत्रकार ग्रुप की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। मिथिला में बिहार का दूसरा एम्स, जयनगर—जनकपुर रेल लाइन के शुरू होने पर इसे दिल्ली—जनकपुर राजधानी एक्सप्रेस के माध्यम से जोड़ने, मिथिलांचल में एक आईआईटी खोलने की मांग के साथ ही हम बंद चीनी मिल, कागज मिल खोलने के साथ ही हर जिला में एक केंद्रीय विद्यालय खोलने की मांग भी लगातार कर रहे हैं। इसके अलावा मिथिलांचल में एग्रो इंडस्ट्री शुरू करने को लेकर भी हम संबंधित विभाग—मंत्रालय से संपर्क कर रहे हैं।

प्रथम मिथिला लिटरेचर में प्रसिद्ध साहित्यकार गीताश्री के साथ ही सूचना प्रसारण मंत्रालय में सलाहकार  स्मिता मिश्रा, लोकसभा टीवी के संपादक श्याम किशोर सहाय सहित करीब दो दर्जन वरिष्ठ पत्रकारों, साहित्यकारों ने अपने विचार रखे। वहीं, शाम को आयोजित मिथिला महोत्सव—4 में रंगारंग कार्यक्रम के साथ ही मोहन झा ने बांसुरी वादन किया तो बाल कलाकार नंदिता ठाकुर, अनुप्रिया झा, अर्चिता ठाकुर, अक्षित झा, श्रेया ठाकुर, पावकी झा, मंजूषा झा ने अपने गायन—नृत्य से उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। कार्यक्रम शाम 6 बजे शुरू हुआ और रात के 11 बजे लोग इसकी प्रस्तुति पर झूमते रहे। कार्यक्रम के दौरान हरिनाथ झा, देवानंद ने अपने गीतों पर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं, गंगेश मिश्र के स्वांग पर लोग हंसते—हंसते लोटपोट हो गए।

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