प्रियंका चोपड़ा ने उत्तर प्रदेश सरकार और यूनिसेफ के सहयोग से संचालित स्वास्थ्य, सुरक्षा, शिक्षा, पुष्टाहार आदि कार्यक्रमों का मुआयना किया

On 8 November 2022, UNICEF Goodwill Ambassador Priyanka Chopra Jonas visits the One Stop Centre at Lok Bandhu Shri Raj Narayan Combined Hospital in Ashiana, Lucknow, India. The One Stop Centre scheme was launched in 2015 by the Ministry of Women and Child Development, New Delhi, to address issues related to gender-based violence. At this centre, women and adolescent girls facing physical, sexual, emotional, psychological, and economic abuse, irrespective of age, class, caste, education or marital status, receive medical assistance, psychosocial support and counseling, and legal aid services.

लखनऊ।  जानी मानी अभिनेत्री और यूनिसेफ की ग्लोबल गुडविल एंबेसडर प्रियंका चोपड़ा जोनस अपनी भारत यात्रा के दौरान दो दिन लखनऊ में रहीं। यहां प्रियंका ने यूनिसेफ के सहयोग से प्रदेश सरकार द्वारा संचालित महिला एवं बाल स्वास्थ्य, शिक्षा, पोषण सुरक्षा आदि कार्यक्रमों की जानकारी केन्द्रों पर जानकर ली। इस दौरान प्रियंका घरेलू हिंसा की शिकार लड़कियों से मिली, उन्होंने बताया कि किस तरह सामाजिक और पारिवारिक दवाब के बीच वह खुलकर अपनी बात रख रही हैं। महिलाएं और लड़कियां चुनौतियों का सामना कर खुद को आत्मनिर्भर भी बना रही हैं, जिसकी प्रियंका ने काफी सराहना की।

प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि मुझे यह जानकर बहुत खुशी हो रही है कि केन्द्र और प्रदेश सरकार के प्रयास के बाद यूनिसेफ के सहयोग से संचालित कार्यक्रमों के माध्यम से महिलाएं अब हिंसा और गलत चीजों का विरोध कर रही हैं, समाज में उनकी बातों को सुना जा रहा है, लिंग आधारित भेदभाव अब काफी जगहों पर कम हो रहा है। प्रियंका ने कहा कि शिक्षित, स्वस्थ्य और मजबूत लड़कियां ही एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकती हैं।

इसी क्रम में प्रियंका यूनिसेफ के सहयोग से लखनऊ में संचालित 1090 कॉल सेंटर भी पहुंची। यूपी पुलिस द्वारा संचालित 1090 वुमेन पॉवर हेल्पलाइन के जरिए राज्य के सभी प्रमुख शहरों को जोड़ा गया है, इससे उत्पीड़न या हिंसा की किसी भी सूचना पर पुलिस घटना स्थल पर पहुंच कर महिलाओं की सहायता करती है। प्रियंका ने कहा कि वुमेन हेल्पलाइन शुरू होने से अब अधिक महिलाएं हिंसा के खिलाफ आवाज उठा रही हैं, मामले की रिपोर्टिंग बढ़ना इस बात का प्रमाण है कि सामाजिक दबाव अब कम हो रहा है, महिलाओं को सम्मान से जीने का हम है और उसके साथ किसी भी तरह की मानसिक, सामाजिक और शारीरिक हिंसा नहीं की जानी चाहिए।
भारत में यूनिसेफ के प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्री ने कहा कि लैगिंक समानता एक बेहतर सुरक्षित, शिक्षित और विकासशील समाज का निमार्ण करने में सहयोग करती है। स्वास्थ्य, शिक्षा, समान अवसर और कौशल विकास प्रशिक्षण के माध्यम से लड़कियां समाज में बड़ा बदलाव ला सकती हैं। किशोर लड़कों और लड़कियों में अधिक निवेश कर बड़ा परिवर्तन किया जा सकता है।

लखनऊ यात्रा के दौरान प्रियंका ने प्रदेश सरकार और यूनिसेफ के सहयोग से प्राथमिक स्कूल औरंगाबाद में संचालित लर्निंग बाय डूइंग व आईबीटी (इंट्रोडक्शन टू बेसिक टेक्नोलॉजी) कार्यक्रमका भी मुआयना किया। इस कार्यक्रम के जरिए बच्चे स्कूल में ही कौशल विकास तकनीक को सीखते हैं जिसकी वजह से वह स्कूल आना नहीं छोड़ते। बच्चों से बातचीत के दौरान प्रियंका ने कहा कि किस तरह स्किल कार्यक्रम के जरिए बच्चे तकनीक को सीखकर नये प्रयोग कर रहे हैं। प्रियंका ने कहा कि केन्द्र पर मैं जाकिर नाम के एक बच्चे से मिली जो जैम और चॉकलेट बनाना सीख रहा था, वहीं ममता नाम की बच्ची ने नेत्रहीनों के लिए विशेष जूते तैयार कर दिए यह सब वास्तव में आश्यर्चजनक है, लिंग संबंधी भेदभाव कम हो रहे हैं, तकनीकि और संचार का प्रयोग अब दूर दराज के क्षेत्रों में भी हो रहा है, जिसकी वजह से जीवन की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है।
प्रियंका चोपड़ा ने मातृत्व एवं शिशु सुरक्षा की भी प्रदेश सरकार और यूनिसेफ द्वारा संचालित विभिन्न केन्द्रों का दौरा किया। इसी क्रम में प्रियंका वीरांगना अवंतिबाई महिला एवं बाल चिकित्सालय के स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट भी पहुंची। भारत में हर साल दस में सात बच्चों की मृत्यु जन्म से 28 दिन के अंतराल में हो जाती है जबकि 73 प्रतिशत नवजात शिशु की मौत असामयिक प्रसव के कारण कम वजन और दम घुटने की वजह से हो जाती है।

मोहनलालगंज स्थित लालपुर में संचालित आंगनबाड़ी केन्द्र पर प्रियंका ने गर्भवती महिलाएं और नवजात शिशु के लिए जरूरी पोषण और आहार की जानकारी ली। भारत सरकार द्वारा शुरू किए पोषण ट्रैकर मोबाइल एप की सहायता से महिलाएं अब गर्भ के हर महीने में जरूरी पोषण और शिशु के जन्म के बाद जरूरी टीकाकरण आदि की जानकारी आसानी से प्राप्त कर पा रही हैं।
प्रियंका चोपड़ा ने कहा कि भारत तकनीकि दक्षता में तेजी से आगे बढ़ रहा है तकनीक और नये प्रयोगों का इस्तेमाल जीवन को बेहतर करने और चुनौतियों का सामना करने के लिए किया जा रहा है, महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य शिक्षा और सुरक्षा को एक समान रूप से लाने के लिए तकनीक अहम भूमिका निभा रही है। प्रियंका ने कहा बच्चे मोबाइल के प्रयोग से नई जानकारियां प्राप्त कर रहे हैं, महिलाएं मोबाइल फोन और एप के माध्यम से बैंकिंग के क्षेत्र में न सिर्फ खुद आत्मनिर्भर हो रही हैं बल्कि यह अन्य लोगों के जीवन को भी आसान बना रही हैं। पोषण ट्रैकर और मंत्रा मोबाइल एप से महिलाएं पोषण की सही जानकारी प्राप्त कर रही हैं वहीं इंटरनेट और जीपीएस आधारित पुलिसिंग सेवा महिलाओं की सुरक्षा को आश्वस्त कर रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.