क्या शादी के बाद महिलाओं की प्राथमिकता बदलनी चाहिए?

नई दिल्ली। सोनी सब अपने आगामी शो ‘आंगन – अपनों का’ के साथ इस क्षेत्र में अग्रणी बना हुआ है। यह शो अपने पिता के प्रति महसूस किए जाने वाले एक बेटी के गहरे स्नेह और कर्तव्य की भावना पर केंद्रित है, और भावनात्मक संघर्ष को उजागर करते हुए यह सवाल उठाता है कि शादी के बाद अपने पिता को छोड़ने की क्या आवश्यकता है। उसका मानना है कि शादी के बाद एक नया परिवार आ जाने से, अपने पिता को प्राथमिकता देना बंद नहीं करना चाहिए। उसके विचार उन महिलाओं की दुविधा को दर्शाते हैं, जो एक नए परिवार के साथ नया जीवन शुरू करते हुए, अपने माता-पिता की देखभाल करने के बीच उलझी होती हैं। यह शो कुछ सामाजिक मानदंडों पर प्रासंगिक सवाल उठाता है, यह दावा करता है कि विवाह को लेकर अलग नज़रिया रखना स्वीकार्य है।‘आंगन – अपनों का’ पल्लवी नाम की एक मजबूत और आत्मनिर्भर बेटी की शानदार कहानी बताता है, जिसका किरदार आयुषी खुराना ने निभाया है। पल्लवी को अपने पिता जयदेव (महेश ठाकुर) से बेहद स्नेह है। इस शो में नीता शेट्टी और अदिति राठौर सहित प्रभावशाली कास्ट भी शामिल है, और हर किसी ने कुशलतापूर्वक कहानी को आगे बढ़ाने वाली महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाई हैं। नीरज व्यास, बिज़नेस हेड, सोनी सब कहते हैं कि “हम ‘आंगन अपनों का’ लाकर उत्साहित हैं, ऐसा शो जो शादी के बाद महिलाओं द्वारा निभाई जाने वाली भूमिका को लेकर अलग नज़रिया पेश करता है। इस तरह की अवधारणा टेलीविज़न पर नहीं दिखाई गई है और निश्चित रूप से हमारे दर्शक इससे जुड़ पाएंगे। एक चैनल के रूप में, हम ऐसी कहानियां सामने लाने के इच्छुक हैं जो दिलचस्प हों, जो विविध नज़रिया प्रदर्शित करती हों। ऐसी कहानियां जो लोगों को सोचने के लिए मजबूर करती हों लेकिन साथ ही उन्हें भविष्य के प्रति उम्मीद की किरण भी दिखाती हों। आंगन अपनों का उस दिशा में हमारा एक और कदम है।”

“यह शो उस सदियों पुरानी प्रथा पर एक नया नज़रिया पेश करने की कोशिश करता है, जिसके अनुसार शादी के बाद महिलाओं को अपने माता-पिता को पीछे छोड़ना पड़ता है। और खुद एक पिता होने के नाते, अपनी बेटियों के प्रति जयदेव के गहरे प्यार ने मुझ पर काफी प्रभाव डाला। मुझे यकीन है कि पिता-बेटी का यह प्यारा।
– जयदेव शर्मा के रूप में महेश ठाकुर

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