भगवान् को आराम करने दो

नई दिल्ली। लीजिए । सुप्रीम कोर्ट के आदेश हैं कि इस बार भगवान् जगन्नाथ को आराम करने दो कयोंकि बहुत संख्या में लोगों का जगन्नाथ रथयात्रा पर इकट्ठे होना बहुत गंभीर मामला होगा । हम जो कर रहे हैं उसके लिए भगवान् जगन्नाथ हमें माफ करेंगे । यह कहा है सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एसए बोबडे ने । कोरोना महामारी को देखते हुए लोगों का इतनी बड़ी संख्या में इकट्ठे होना गंभीर बात है । यह चिंता का विषय है । नागरिकों की सुरक्षा को देखते हुए यह फैसला सुनाया गया है । इसलिए इस साल भगवान् जगन्नाथ की रथयात्रा की अनुमति नहीं दी जा सकती ।

महामारी को देखते हुए ऐसे आयोजन की अनुमति नहीं दी जा सकती । इसके लिए भगवान् जगन्नाथ हमें माफ करेंगे । इसी प्रकार हरियाणा के कुरूक्षेत्र में सूर्य ग्रहण पर न आने की बार बार सूचना दी जा रही है । इसी प्रकार पांडु पिंडारा में न आने की हिदायत दी जा रही है । भगवान् को आराम की जरूरत है या नहीं लेकिन आराम करने दीजिए । कितने युगों से भगवान् ने आराम नहीं किया । हम मंदिरों में जाकर अपने काम उन्हें सौंपते रहे और आराम नहीं करने दिया । कभी उत्तराखंड में तबाही आई और केदारनाथ की यात्रा प्रभावित हुई पर हमने भगवान् को फिर भी न छोड़ा । हर बड़े मंदिर पर हजारों की भीड़ का पहुंचना आम बात है । क्या वैष्णो देवी , क्या तिरुपति बाला जी तो क्या साईं बाबा ,,,हर जगह लाखों लोग प्रतिवर्ष पहुंचते रहे हैं ।

अब भगवान् और देवी देवताओं को आराम करने दीजिए और जो पैसा आप इन यात्राओं पर खर्च करने वाले थे वह पैसा गरीब मजदूरों पर खर्च कीजिए । वह पैसा गरीबों को बांट दीजिए । शायद किसी भी तीर्थ यात्रा से ज्यादा पुण्य आपको मिल जायेगा । कहते हैं न कि कठौती में गंगा । गंगा तीर्थ के लिए किसलिए दूर तक जाना ? कुरूक्षेत्र के ब्रह्म सरोवर पर सूर्य ग्रहण पर डुबकी लगाने न जाइएगा । घर ही डुबकी लगा कर सूर्य को जलाभिषेक करवा दीजिएगा । बड़ी कृपा होगी । इधर द्वारका गये मोरारी बापू को भाजपा के पूर्व विधायक ने अपशब्द कहे । वे माफी मांगने गये थे किसी टिप्पणी का विरोध होने पर । यही सहनशीलता है हमारी ?

इधर ऑनर किलिंग से हम बाज नहीं आते । रोहतक में फिर एक भाई ने अपनी बहन के प्रेम विवाह को सहन नहीं किया और लव मैरिज करने वाली बहन को धोखे से मार डाला पति समेत । अब इसी शहर में जनवादी महिला समिति की ओर से ऑनर किलिंग का पूरा जी जान लगा कर विरोध करने वाली जगमति सांगवान को फिर इसके खिलाफ खड़े होने की जरूरत है ।

है अंधेरी रात 
पर दीया जलाना 
कब मना है ? 

कमलेश भारतीय, वरिष्ठ पत्रकार  

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