स्वामी विवेकानंद को सिर्फ़ श्रद्धांजलि नहीं, कार्यान्जली भी दीजिये: योगेंद्र यादव

नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय के सत्यकामा सभागार में आज यूथ फॉर स्वराज Y4S द्वारा ‘विवेकानंद यूथ समिट 2018’ का सफ़लता पूर्वक आयोजन हुआ। राष्ट्रीय युवा दिवस और विवेकानंद जयंती के अवसर पर हुए कार्यक्रम में दिल्ली के युवाओं की ज़ोरदार भागीदारी देखी गयी। स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योग्रन्द्र यादव ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद को सिर्फ़ श्रद्धांजलि नहीं, कार्यान्जली भी देने की आवश्यकता है। विवेकानंद को नारों, छवियों और तस्वीरों में बांधने की बजाए उनके विचारों को आत्मसात करने के संदेश के साथ योगेंद्र यादव ने युवाओं को सांस्कृतिक आत्मविश्वास पैदा करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद 1860 के दशक में पैदा हुए तीन महान भारतीयों में हैं जिन्होंने हमें ऊनी संस्कृति और सभ्यता पर
सहज तौर पर गर्व करना सिखाया। विवेकानंद के अलावा टैगोर और गांधी ने भी भारतीयों में सांस्कृतिक आत्मविश्वास का सृजन किया। युवाओं से अपने दो साल देने की अपील करते हुए उन्होंने कहा कि आज के भारत में अलग तरह की चुनौतियां हैं जिनपर देश के युवा ही सार्थक ढंग से काम कर सकते हैं। योगेंद्र यादव ने कहा कि गन्दी राजनीति के ख़िलाफ़ मजबूती से खड़े होकर युवा ही देश को जाति धर्म में बंटने और लड़ने से बचाएगा।
युवाओं को संबोधित करते हुए स्वराज इंडिया के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अनुपम ने स्वामी विवेकानंद को नए भारत का विचारक और प्रचारक बताया। देश का एक बड़ा राजनीतिक वर्ग चाहता है कि स्वामी विवेकानंद की छवि एक ‘भगवाधारी हिन्दू संत’ तक सीमित रहे। क्यूंकि धर्म, संस्कृति, समाज से लेकर राष्ट्रवाद जैसे कई मुद्दों पर ये वर्ग आज विवेकानंद के विचारों के उलट काम कर रहे हैं। इसलिए ये चाहते हैं कि देश विवेकानंद के विचार नहीं, सिर्फ़ छवि को याद रखे। अनुपम ने कहा कि स्वामी विवेकानंद को फूल-मालाओं और छवि पूजन तक सीमित न करके आज के युवा उनके विचारों को भी आत्मसात करें। आज के इस माहौल मे जहाँ भाषा, जाति या धर्म के नाम पर नफ़रत, द्वेष और हिंसा फैलाई जा रही है, विवेकानंद की प्रासंगिकता कहीं ज़्यादा बढ़ गई है।
छात्रों और शिक्षकों के अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ साइंस में हुए इस कार्यक्रम में प्रोफ हरीश खन्ना और तिमारपुर विधायक पंकज पुष्कर ने भी हिस्सा लिया।

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