क्यों हुआ पूरा बेंगलुरु सैमसंग इंजीनियर अभिषेक का फैन ?

नई दिल्ली । पूरी दुनिया आज कोरोना वारियर्स को सलाम कर रही है। भारत में एक से बढकर एक कोरोना वारियर्स की कहानी हम देख और सुन रहे हैं। ऐसे में अभिषेक की कहानी दूसरों से अलग है। एक इंजीनियर के रूप में उन्होंने जो तकनीकी बारिकियां को सीखा और समझा, उसके सहारे कई कोरोना पीडितों के लिए उम्मीद की किरण बने। आज हर कोई पेशे से सैमसंग में इंजीनियर अभिषेक की बात कह और सुन रहा है।

असल में, बेंगलुरु अभिषेक शंकर नादगीर सैमसंग में काम करते हैं। उन्हें पता चला कि शहर के एक अग्रणी अस्पताल में मशीन काम नहीं कर रहा है। इस अस्पताल में कई कोरोना मरीजों का इलाज चल रहा है। मशीन के कुछ कलपुर्जे मिल नहीं रहे थे। अब क्या किया जाए ? कुछ पल के लिए सोचा और उसके बाद अपनी बहन और पडोसी के लैपटाॅप से जरूरी कलपुर्जे निकाल लिए। चंद घंटों की मेहनत और सूझबूझ से अस्पताल का मशीन चालू कर दिया। अब वहां निर्बाध गति से कोरोना रोगियों का इलाज हो रहा है। क्या किसी ने सोचा था कि आपात स्थिति में गेमिंग कंसोल और लैपटाॅप के जरिए कोरोना रोगियों को राहत मिलेगी। है न अभिषेक शंकर की गजब की सोच। आज इन्हें सैमसंग परिवार सहित आस पास के लोग सलाम कर रहे हैं।

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