हिमाचल प्रदेश के लिए मुश्किलों भरा रहा 2018

शिमला। हिमाचल प्रदेश के लिए वर्ष 2018 मुश्किलों भरा साल रहा। कभी गर्मी में पानी की किल्लत और पर्यटकों की आमद में कमी की वजह से लोगों के चेहरे मुरझाए तो कभी मॉनसून के दौरान जबरदस्त बारिश के बाद आई बाढ़, भूस्खलन, बादले फटने और मौसम की वजह से होने वाले सड़क हादसों ने लोगों को मुसीबत में डाले रखा। इस साल अतिक्रमण विरोधी अभियान के दौरान कर्मचारियों की हत्या और पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खिालाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला भी सुर्खियों में रहा। वहीं, योग गुरु रामदेव के पतंजलि ट्रंस्ट को प्लॉट आवंटित करने पर उपजा विवाद भी चर्चा का विषय बना। इसके अलावा कांगड़ा में विमान दुर्घटना में पायलट की मौत ने भी लोगों को गमगीन किया।

पानी की भारी किल्लत का नतीजा यह हुआ कि राज्य सरकार को पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये हर साल एक से पांच जून के बीच होने वाला प्रतिष्ठित ‘शिमला समर फेस्टिवल’ टालना पड़ा। यह वर्ष कांग्रेस नेता वीरभद्र सिंह की कानूनी दिक्कतों में और इजाफा कर दिया। दिल्ली में विशेष सीबीआई अदालत ने इसी साल 10 करोड़ से ज्यादा के आय से अधिक संपत्ति मामले में वीरभद्र और उनकी पत्नी के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया। हालांकि एक और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के लिए यह वर्ष राहत लेकर आया।

उच्चतम न्यायालय ने धूमल और उनके बेटे अनुराग ठाकुर के खिलाफ धर्मशाला में क्रिकेट स्टेडियम के निर्माण के लिए जमीन आवंटित करने में कथित अनियमितताओँ से जुड़े मामले में एफआईआर को रद्द कर दिया। इस साल योग गुरु रामदेव के पतंजलि योग पीठ ट्रस्ट को सोलन जिले में 28 एकड़ जमीन 2.39 करोड़ रुपए के रियायती दामों पर पट्टे पर देने के कैबिनेट के फैसले पर भी बवाल उठा। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार पिछले आम चुनाव में भाजपा का समर्थन करने वाले रामदेव का समर्थन कर रही है।

इन सबके बीच शिमला की अदालत के उस फैसले ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा, जिसमें अदालत ने फिरौती के लिए चार साल के बच्चे युग की निर्मम हत्या कर उसके शव को नगर निगम की पानी की टंकी में फेंकने के मामले में तीन दोषियों को अधिकतम सजा का आदेश सुनाया गया।

इसके अलावा उच्चतम न्यायालय के आदेश पर कसौली में अवैध निर्माण के खिलाफ अभियान चलाने वाली सहायक नगर योजनाकार शैल बाला की होटल मालिक द्वारा गोली मारकर हत्या किए जाने के मुद्दे ने भी काफी तूल पकड़ा। इसके कुछ ही दिन बाद इस अभियान का हिस्सा रहे लोक निर्माण विभाग के घायल कर्मचारी गुलाब सिंह ने भी दम तोड़ दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published.