देवघर/सारठ। संभावनाओं से भरे झारखण्ड को झारखण्ड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और आरजेडी ने प्रयोगशाला बनाकर रखा। राज्य गठन के बाद जो विकास होना चाहिए था वह नहीं हुआ। आजादी के बाद जो उम्मीद देश के लोगों ने लगाई थी वह अधूरी रही। 2014 के बाद जब मोदी जी में नेतृत्व देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है तो भ्रष्टाचारियों को परेशानी हो रही है। यही भ्रष्टाचारी एक होकर महागठबंधन बना मोदी को रोकना चाहते हैं। आजादी के बाद और 2004 से 2014 तक का काल घोटालों और भ्रष्टाचार का रहा। यूपीए सरकार के पास सत्ता थी और दुमका के तत्कालीन सांसद गुरुजी यूपीए के सहयोगी होने के नाते कोयला मंत्री थे। इन लोगों ने 40 साल संताल परगना की जनता को बरगलाया और संताल को उपेक्षित रखा। विकास की बात इन्होंने कभी नहीं की। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने ये बातें देवघर के सारठ प्रखंड स्थित बोचबाद पंचायत में आयोजित जनसभा में कही।
भाजपा विकास की सिर्फ बातें नहीं करती, उसे धरातल पर भी उतारती है
मुख्यमंत्री ने बताया कि एक गरीब के बेटे को जब देश की जनता ने देश के प्रतिनिधित्व का अवसर दिया तो उसने गरीबों की पीड़ा को समझा। क्योंकि गरीबी उसने भी जिया था। यही वजह रही कि मोदी सरकार की सभी योजनाएं गरीबों के जीवन में बदलाव लाने का लक्ष्य लेकर लागू की गई। गरीबों के बैंक खाते खुले, गरीबों को घर मिला, इज्जत घर की सुविधा मिली, गरीब महिलाओं को उज्ज्वला योजना ने धुआं से मुक्त किया, आयुष्मान भारत गरीबों को नवजीवन प्रदान कर रहा है। इस तरह तमाम योजनाएं गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित रही।
किसानों को मिल रहा है डबल इंजन सरकार का लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री कृषि सम्मान योजना और राज्य सरकार की मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का लाभ किसानों को मिल रहा है। केंद्र सरकार की योजना का लाभ किसानों को प्रथम चरण में मिल चुका है। 23 मई के बाद राज्य के किसानों को मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना का लाभ शिविर के माध्यम से मिलेगा। इस तरह राज्य के किसान डबल इंजन की सरकार से लाभान्वित होंगे। 5 एकड़ से 10 डिसमिल जमीन वाले किसानों को इन दोनों योजनाओं का लाभ बरसात से पूर्व मिलेगा। राज्य सरकार किसानों को सिंचाई सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से बिजली का अलग फीडर का निर्माण कर रही है ताकि किसानों को एक तय समय में निर्बाध रूप से सिंचाई हेतु बिजली उपलब्ध करा सके। राज्य में निर्मित हो रहे 117 ग्रिड और 257 सब स्टेशन इस कार्य में सहायक होंगे।