सहयोगी दलों का कोई दबाव नहीं है : नकवी

नई दिल्ली। इस साल तेदेपा और रालोसपा के राजग से बाहर जाने को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा है कि ‘‘अपने राजनीतिक कारणों’’ से अलग होने वालों को रोका नहीं जा सकता और जोर दिया कि 2019 के चुनाव के पहले सहयोगियों की ओर से उनकी पार्टी किसी दबाव का सामना नहीं कर रही। लोकसभा चुनावों के कुछ महीने पहले भाजपा ने अपने दो महत्वपूर्ण सहयोगियों को खो दिया। मार्च में चंद्रबाबू नायडू की तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) के राजग से रिश्ता तोड़ने के बाद उपेंद्र कुशवाहा की राष्ट्रीय लोकसमता पार्टी (रालोसपा) ने भी अपना रास्ता अलग करते हुए इसी महीने विपक्षी गठबंधन से अपना नाता जोड़ लिया।

तीन राज्यों-राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव हारने के बाद क्या सीट बंटवारे पर भाजपा सहयोगियों से दबाव महसूस कर रही है, इस बारे में पूछे जाने पर नकवी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि भाजपा ने हमेशा सहयोगियों का सम्मान किया है और उन्हें सुनती है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा, ‘‘हम अपने सहयोगियों का सम्मान करते हैं, वो जो कहते हैं उन्हें सुनते हैं और जो चीजें स्वीकार्य हो उसे मानते हैं और आगे बढ़ते हैं।’’

हाल में राजग के अपना दल (एस) और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (एसबीएसपी) जैसे सहयोगियों के बीच असंतोष के स्वर उभरे थे। अपना दल (एस) के अध्यक्ष आशीष पटेल ने राजग के छोटे घटकों के साथ बर्ताव को लेकर भगवा पार्टी के प्रति अपना असंतोष प्रकट किया था। नकवी ने कहा कि भाजपा सहयोगियों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखती है।
इस साल सत्तारूढ गठबंधन से तेदेपा और रालोसपा के बाहर जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लक्ष्य हमेशा सहयोगियों को साथ रखने का रहा है लेकिन अपने राजनीतिक कारणों से अगर कोई जाना चाहता है तो आप उन्हें जबरदस्ती रोक नहीं सकते। चुनावों के पहले क्या भाजपा अपने सहयोगियों की ओर से दबाव का सामना कर रही है, यह पूछे जाने पर नकवी ने कहा कि उनकी पार्टी पर कोई दबाव नहीं है ।

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