कुपोषण से कमजोर बच्चों का अनुपात वार्षिक 2% की दर से घटा

नई दिल्ली। ताजा सर्वेक्षण रपट के अनुसार देश में कुपोषण के कारण कमजोर बच्चों का अनुपात वित्त वर्ष 2017-18 में करीब दो प्रतिशत कम होकर 34.70 प्रतिशत पर आ गया। इससे पहले एक दस वर्ष में इसमें सालाना एक प्रतिशत की दर से कमी दर्ज की गयी थी। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि मुख्यत: सरकारी मुहिम के कारण कुरोषण से बच्चों के शारीरिक विकास में रुकावट में यह कमी आयी है।

राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के 2015-16 के आंकड़ों के अनुसार कुपोषण के कारण औसत से कम लंबाई और भार वाले बच्चों का अनुपात 2004-05 के 48 प्रतिशत से कम होकर 2015-16 में 38.40 प्रतिशत पर आ गया। अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘‘ यूनिसेफ और स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किये गये एक सर्वेक्षण में पता चला है कि देश में कुपोषण से अवरुद्ध शारीरिक-विकास वाले बच्चों का अनुपात 2015-16 के 38.40 प्रतिशत से कम होकर 2017-18 में 34.70 प्रतिशत पर आ गया है।

वर्ष 2004-05 से 2015-16 की दस वर्ष की अवधि के दौरान छह साल के कुपोषण प्रभावित ऐसे बच्चों के अनुपात में सालाना एक प्रतिशत की दर से 10 प्रतिशत की कमी आयी थी। उसने कहा, ‘‘यूनिसेफ और स्वास्थ्य मंत्रालय के नये सर्वेक्षण के अनुसार 2015-16 से 2017-18 के दौरान कुपोषण चार प्रतिशत कम हुआ। यह सालाना दो प्रतिशत की कमी है जो कि बड़ी उपलब्धि है।’’ यह सर्वेक्षण 1.12 लाख परिवारों को लेकर किया गया। अधिकारी ने कहा, ‘‘अब कुपोषण से कमजोर बच्चों का अनुपात में करीब दो प्रतिशत सालाना की कमी की दर को हासिल कर लिया गया है ऐसे में सरकार का ‘पोषण अभियान का लक्ष्य’ छोटा लगने लगा है।’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मार्च 2018 में पोषण अभियान की शुरुआत की। इसका लक्ष्य कुपोषण को 2015-16 के 38.4 प्रतिशत से घटाकर 2022 में 25 प्रतिशत पर लाना है। अधिकारी ने कहा कि सर्वेक्षण में महिलाओं में खून की कमी (एनीमिया) जैसे अन्य मुख्य स्वास्थ्य सूचकांकों पर भी सुधार देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि महिलाओं में खून की कमी 2015-16 के 50-60 प्रतिशत से कम होकर 2017-18 में 40 प्रतिशत पर आ गयी है।

वैश्विक पोषण रिपोर्ट 2018 के अनुसार दुनिया में कुपोषण के कारण कमजोर शरीर वाले एक तिहाई बच्चे भारत में हैं। भारत में ऐसे बच्चों की संख्या 4.66 करोड़ है। इसके बाद नाइजीरिया (13.9%) और पाकिस्तान (10.7%) का नाम आता है।

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