नई दिल्ली। जानकी देवी कॉलेज में सेमिनार का आयोजन किया गया जिसका विषय था – स्तहन एवं समय के साथ धार्मिक परिवर्तन की गतिशीलता एवं इसके रूप । सेमिनार के प्रमुख प्रवक्ता प्रो इरफान हबीब रहे, वहीं अन्य पैनलिस्ट प्रो उमा चक्रवर्ती, प्रो शिरीन मूस्वी,प्रो सईद जहीर हुसैन जाफरी,प्रो क्रिस्टोफर चैपल एवं प्रो राकेश चंद्र रहे।
प्रो इरफान हबीब ने धर्म के विषय मे बताते हुए कई सवाल पूछे जैसे धर्म क्या है? सहीं मायने में धर्म का अर्थ क्या है? प्रो हबीब ने धर्म को एक ऐसा ढांचा बताया जिसके अंतर्गत सबके विश्वास अलग अलग हैं।उन्होंने महात्मा गांधी के संदर्भ में धर्म को समझाया तथा अपनी बातों का अंत सिंधु सभ्यता, जहां से धर्म की शुरुआत दखी जा सकती है,से की।
अगली अतिथि प्रो शिरीन मूस्वी ने अकबर के संदर्भ में अपने विचार रखे ।प्रो जाफरी ने इस्लाम के विषय में अपनी बातों को सामने रखा।तथा सूफीवाद एवं उनके विचारों के साथ अपनी वाणी को विराम दिया। प्रो उमा चक्रवर्ती ने बौद्ध धर्म को अपनी बातों में जोर देते हुए अपनी बात रखी।
दूसरे सत्र में प्रो क्रिस्टोफर चैपल एवं प्रो राकेश चंद्र ने धर्म को दर्शन के संदर्भ में परिभाषित किया।
इसी के साथ समारोह का अंत हुआ।सभी विद्यार्थियों द्वारा प्रश्न किये गए और इनका सरल रूप में जवाब भी दिए गए।अंत मे श्रीमती नताशा नोंगबरी ने धन्यवाद प्रस्ताव दिया।मंच संचालन विभाग के छात्र संघ से हिमानी यादव ने किया।