नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस चेलामेश्वर, जस्टिस रंजन गोगाई, जस्टिस मदन भीमराव और जस्टिस कुरियन जोसेफ ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केसों के आवंटन में अनियमितता बरती जा रही है। न्यायपालिका के इतिहास में यह घटना ऐतिहासिक है और पहली बार सुप्रीम कोर्ट के जजों को सामने आना पड़ा है। चेलामेश्वर ने कहा कि पिछले 2 महीने से सुप्रीम कोर्ट का प्रशासन ठीक से नहीं चल रहा है। हालांकि दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज आर एस सोढ़ी ने सुप्रीम कोर्ट के इन चार जजों के इस कदम का कड़ा विरोध किया है। रिटायर्ड जस्टिस सोढ़ी ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कहा कि उनके विचार से इन सभी जजों पर महाभियोग चलाया जाना चाहिए।। जस्टिस आर एस सोढ़ी ने कहा, ‘इनके खिलाफ महाभियोग चलाया जाना चाहिए, अब इन लोगों को वहां बैठकर फैसला देने का हक नहीं बनता है। ये ट्रेड यूनियनिज्म गलत है। लोकतंत्र खतरे में है ऐसा उन्हें नहीं कहना चाहिए, हमारे यहां संसद है, कोर्ट और पूरी पुलिस प्रणाली काम कर रही है।’ जेसिका लाल हत्याकांड, तंदूर कांड और प्रियदर्शनी मट्टू जैसे हाई प्रोफाइल केसों को देखने वाले पूर्व जस्टिस ने कहा, ‘ये कोई मसला नहीं है। उनकी शिकायत प्रशानिक मुद्दों पर है। वे सिर्फ 4 जज है, वहां 24 और भी जज हैं। 4 जज एक साथ आ जाते हैं और मुख्य न्यायधीश को गलत तरीके से पेश करते हैं, यह अपरिपक्व और बचकाना व्यवहार है।’