पांच पांच उपमुख्यमंत्री

नई दिल्ली/ टीम डिजिटल। यह भी खूब रही । आंध्र प्रदेश में मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी ने एक नहीं , दो नहीं पांच पांच उपमुख्यमंत्री बना दिए । यह किस संविधान में है ? कानून सम्मत है ? इससे पहले यूपी में योगी आदित्यनाथ ने दो दो उपमुख्यमंत्री बना रखे हैं । बताइए अब पांच तक आ गये जगन मोहन रेड्डी । कल कोई दस तक आ जायेगा तो हरियाणवी के लहजे में किसका पुंजड पाड लेंगें आपां ? यह तो आम आदमी पर खर्च बढाने वाली बात हो गयी ।
कांग्रेस के मुख्यमंत्री थे जगनमोहन रेड्डी के पिता चंद्रशेखर । विमान दुर्घटना में प्राण चले गये । जगन ने मुख्यमंत्री बनने की इच्छा जताई लेकिन उम्र व अनुभव आडे आ गया और उन्हें इंकार कर दिया गया । वे कांग्रेस छोड गये ।

पिछले चुनाव में बात नहीं बनी लेकिन लगे रहे और इस बार पूर्ण बहुमत में आ गये लेकिन क्या जगन को किसी विद्रोह की आशंका थी जो पांच पांच उपमुख्यमंत्री बना डाले ? या जाति समीकरण साधने के नाम पर यह कारनामा किया गया ? जिस भी कारण से किया गया यह कोई बहुत अच्छा या सराहनीय कदम नहीं कहा या माना जा सकता ।

वरिष्ठ मंत्री कौन या जगन के बाद कौन ? यह भी स्पष्ट नहीं । इस तरह यह प्रलोभन ही कहा जायेगा ताकि कोई पार्टी छोडकर न चला जाये । जगन ने प्रधानमंत्री मोदी से आशीर्वाद भी लिया । यानी वे पैकेज मिलने में कोई अडचन न आए इसका प्रबंध भी कर चुके ।
दूसरी तरफ आजकल मुफ्त का नारा सब तरफ चल रहा है । साइकिल मुफ्त , लैपटाॅप मुफ्त , बिजली मुफ्त , मेट्रो में यात्रा मुफ्त । दाल अनाज मुफ्त । क्या क्या मुफ्त ? अरे , क्या क्या मुफ्त देते रहोगे ? कहां से देते रहोगे ? सरकारें घाटे में चली जायेंगी । कल्याणकारी योजनाएं बंद होती चली जायेंगीं । पहले ही सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की दशा देखिए । अब तो बीएसएनएल और एयरक्राफ्ट तक घाटे में । फिर और आर्थिक बोझ या घाटा कैसे सहोगे ? यह मुफ्त का नारा बंद होना चाहिए । किसानों का कर्ज माफी का नारा भी कांग्रेस को राजस्थान और मध्यप्रदेश में अपनी सरकारें होते हुए भी लोकसभा चुनाव में जीत नहीं दिलवा सका । फिर यह मुफ्त मुफ्त क्यों ?

 – कमलेश भारतीय

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