कल वोटिंग के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निशान लगी उंगली दिखाते रोड शो का रूप ही दे दिया, जिस पर कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर भेदभाव का आरोप लगाया । कहां तो राहुल गांधी पर टीवी चैनल्स पर इंटरव्यू पर नोटिस जारी किया गया । दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो पर चुप्पी साधे रखी । यह भेदभाव नहीं तो क्या है ? समरथ को नही दोष गोसाईं वाली बात हो गयी ।
भाजपा नेता यह कहना रहे हैं कि आसन्न हार को देखते हुए कांग्रेस बौखला गयी हैं । इसलिए इस तरह के आरोप लगा रही हैं । मान लेते हैं कि भाजपा जीत भी जाती है या जीतने के आसार हैं तो भी क्या प्रधानमंत्री को ऐसे रोड शो करना शोभा देता ? यदि देश का प्रधान
मंत्री ही इस तरह नियमों का उल्लंघन करेगा तो दूसरी पार्टियों या नेताओं से क्या उम्मीद लगाई जा सकती हैं ?
वैसे भी चुनाव आयोग को निष्पक्ष रहना चाहिए तभी इसकी स्वायत्तता मानी जायेगी । कभी वी वी गिरि ने चुनाव आयोग की अहमियत साबित की थी लेकिन अब फिर किसी वी वी गिरि की आमद होगी ?
– कमलेश भारतीय
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