नई दिल्ली। आंदोलन के बारे में आप क्या मारपीट, झगड़ा, हत्याएं….समझते हैं। तो आप सरासल गलत हैं। आंदोलन बिना बोले ही हो सकता है। हिंसा नहीं अहिंसा से होता है Aandolan।
Aandolan
विरोध और विवेक
जब तक रहें साथ
हिंसक नहीं होंगे हाथ
इच्छाएं लक्ष्य पर अड़ी रहेंगी
बिन भटके खड़ी रहेंगी
आतंक नहीं
आंदोलन जन्म लेगा
लक्ष्य पाने की जिद्द
पीड़ा सहने का माद्दा
भय को पराजित करेंगे
अभय धुआं बन कर फैलेगा
समसोची दिमागों को अपनी चपेट में लेगा
सुलगेगा धू-धू कर जलेगा
लोग भविष्य की आतताई परिणामों को
दरकिनार करेंगे
Aandolan चल पड़ेगा
जब चेतना चित पर घर बना लेगी
मन को पकड़कर भीतर बिठा लेगी
धारणा पर धैर्य सवार हो जाएगा
विरोधी लक्ष्य साधक योगी बन जाएगा
हठ तप को जन्म देगा
तप विस्मयकारी ताकत को
प्रतिरोध विखंडित होने लगेंगे
आंदोलन लक्ष्य के निकट होगा
विकार और विध्वंस विलुप्त हो जाएंगे
विरोध की विवेचना विवेक को साधेगी
गाठें खुलेंगी अवरोध अवमुक्त हो जाएंगे
गूंगा भी बोलेगा बहरा भी सुनेगा
प्रतिरोधी सर सत्य के आगे झुकेगा
साधक समाधि को
आंदोलन आनंद को पा लेगा