राहुल गांधी के प्रमोशन में क्या वाक़ई ‘धांधली’ हो रही है?

नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष के तौर राहुल गांधी का प्रमोशन लगातार विवाद की तरफ़ बढ़ रहा है. ख़बरों के मुताबिक उनके निर्वाचन की प्रक्रिया महज़ एक ‘दिखावा’ है. असल में यह ‘निर्वाचन’ न होकर ‘चयन’ की प्रक्रिया है. द टाइम्स ऑफ इंडिया में प्रकाशित एक ख़बर भी इसी तरफ़ इशारा करती है. इस ख़बर में दो बड़े कांग्रेसी नेताओं के बीच बाचतीत का विवरण है. इसमें राहुल के निर्वाचन की प्रक्रिया को ‘धांधली’ कहा गया है. इस बातचीत की ऑडियो क्लिप टाइम्स नाऊ ने प्रसारित की है.
ख़बर के मुताबिक यह बातचीत कांग्रेस की महाराष्ट्र इकाई के सचिव शहज़ाद पूनावाला और राष्ट्रीय नेता मनीष तिवारी के बीच है. इसमें तिवारी कांग्रेस सहित सभी पार्टियों को ‘निजी स्वामित्व वाली’ बता रहे हैं. जबकि शहज़ाद कह रहे हैं, ‘योग्यता पर वंशवाद कब तक हवाी रहेगा.’ हालांकि तिवारी ने इस पर प्रतिक्रिया में कहा है, ‘मैंने ऐसे किसी टीवी कार्यक्रम के बारे में सुना ही नहीं जिसमें ऐसी बातचीत की ऑडियो क्लिप प्रसारित की गई हो.’ जबकि पूनावाला इसी गुरुवार को अपने खुले पत्र में राहुल को अध्यक्ष बनाने की प्रक्रिया पर सवाल उठा चुके हैं. इसके पहले उन्होंने बुधवार को भी कहा था, ‘मुझे जानकारी मिली है कि पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव में वोट डालने वाले प्रतिनिधियों के नाम तय किए जा चुके हैं. यह धांधली है. इन लोगों को इनकी वफादारी के आधार पर सूची में शामिल किया गया है. जबकि इनका चुनाव गोपनीय मतपत्रों के जरिए कराया जाना चाहिए था.’
ऐसे ही दिल्ली के एक पार्टी कार्यकर्ता राजू शर्मा भी बताते हैं, ‘प्रतिनिधियों का चुनाव तो हुआ ही नहीं. अजय माकन (दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष) ने उन्हें मनाेनीत किया है.’ चैनल ने एक और ऑडियो टेप प्रसारित किया है. इसमें उत्तर प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारी आचार्य प्रमोद कृष्णन कह रहे हैं, ‘पार्टी अध्यक्ष के लिए अंदरूनी निर्वाचन की प्रक्रिया फ़र्ज़ी है. मैं मानता हूं कि यह चुनाव नहीं 100 फीसदी चयन है. कांग्रेस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनने वाली है.’

साभार: सत्याग्रह

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